Rajasthan High Court Strictness : राजस्थान में चल रही स्वामी विवेकानंद छात्रवृत्ति योजना के दुरुपयोग पर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई। साथ ही 25 लाख से अधिक आय वालों की छात्रवृत्ति रोक दी है। साथ ही सरकार से ब्यौरा मांगा है।
Rajasthan High Court Strictness : राजस्थान हाईकोर्ट ने विदेश में अध्ययन के लिए स्वामी विवेकानंद छात्रवृत्ति योजना के दुरुपयोग पर सख्ती दिखाते हुए टिप्पणी की कि आज शिक्षा बहुत मंहगाई हो गई, लेकिन इस योजना में अमीरों को फायदा पहुंचाया जा रहा है और हकदार गरीब-मेधावी विद्यार्थी लाभ से वंचित हैं। कोर्ट ने 25 लाख रुपए से अधिक आय वालों को योजना का लाभ देने पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से लाभार्थियों का ब्यौरा मांगा है।
साथ ही, राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि करदाताओं की गाढ़ी कमाई लुटाने के इस मामले पर कोर्ट आंख नहीं मूंद सकता। सरकार से यह भी पूछा कि क्यों न इस योजना और उसके दुरुपयोग पर रोक लगाने का आदेश दिया जाए?
न्यायाधीश अनूप कुमार ढंड ने सिरोही निवासी 20 वर्षीय छात्रा मनजीत देवड़ा की याचिका पर यह आदेश दिया। अधिवक्ता पुनीत सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता स्वामी विवेकानंद छात्रवृत्ति योजना (पूर्व में राजीव गांधी छात्रवृत्ति योजना) के अंतर्गत छात्रवृत्ति के माध्यम से आस्ट्रेलिया में अध्ययनरत है, लेकिन उसे छात्रवृत्ति की राशि जारी नहीं की। मामले के परीक्षण से कोर्ट के सामने आया कि छात्रा के परिवार की आय को कम दर्शाया गया। कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए कहा कि करदाताओं की खून-पसीने की कमाई का दुरुपयोग नहीं होने दिया जा सकता। योजना का लाभ सम्पन्न विद्यार्थी ले रहे हैं और गरीब प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को सहयोग देने का मूल उद्देश्य गौण हो गया।
राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि अफसोस की बात है मेधावी विद्यार्थी प्रभावशाली पारिवारिक स्थिति नहीं होने के कारण योजना से बाहर रह गए। कोर्ट ने 25 लाख रुपए से अधिक वार्षिक आय वाले ई-3 श्रेणी के दायरे में आने वाले परिवारों के विद्यार्थियों को योजना का लाभ नहीं देने का आदेश दिया।
1- अब तक किस-किस विद्यार्थी को इस योजना में छात्रवृत्ति मिली।
2- लाभार्थियों की पारिवारिक आय का विवरण।
3- योजना की तीन श्रेणियों में से किस आधार पर किस श्रेणी का लाभ दिया गया।
राजीव गांधी छात्रवृत्ति योजना, जिसका नाम वर्तमान सरकार ने बदलकर स्वामी विवेकानंद छात्रवृत्ति योजना कर दिया। इसके तहत हर साल 200 विद्यार्थियों को विदेश में पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति के रूप में ट्यूशन फीस व अन्य खर्च का भुगतान किया जाता है। अधिकारी ई-3 श्रेणी में संपन्न विद्यार्थियों को लाभ दे रहे हैं, जो बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
ई-1 - 8 लाख रुपए।
ई-2 - 8 से 25 लाख रुपए।
ई-3 - 25 लाख रुपए।
अगर इस मामले में सरकार की ओर से जानकारी नहीं दी गई तो योजना बंद करने पर विचार किया जाएगा। साथ ही, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल और महाधिवक्ता से इस मामले में कोर्ट का सहयोग करने का आग्रह किया।