जयपुर-अजमेर हाईवे पर डीपीएस कट पर दिल दहलाने वाले हादसे में टैंकर चालक जयवीर अभी गायब है। हालांकि उनकी सूझबूझ से उनकी जान बच गई।
Jaipur Tanker Blast: जयपुर-अजमेर हाईवे पर डीपीएस कट पर दिल दहलाने वाले हादसे में टैंकर चालक जयवीर जिंदा बच गया। प्रशिक्षित होने के कारण चालक को पता था कि गैस रिसाव या दुर्घटना होने पर कैसे बचा जा सकता है और इसी का लाभ उठाकर उसने खुद की जान बचाई। संभावना है कि उसके साथ खलासी भी था, लेकिन खलासी कौन था, इसकी जानकारी दिल्ली निवासी टैंकर मालिक अनिल कुमार पंवार को नहीं है।
अब पुलिस टैंकर मालिक के जरिए टैंकर चालक जयवीर को तलाश रही है। अनिल कुमार ने बताया कि मथुरा निवासी चालक ने डरकर मोबाइल बंद कर लिया। वह घर पर भी नहीं पहुंचा है। इतना भीषण हादसा हुआ है, हम खुद सहम गए हैं। संभलने के बाद वह आ जाएगा।
बगरू एसीपी हेमेन्द्र शर्मा ने बताया कि हादसे के बाद टैंकर मालिक को चालक ने फोन किया और इतना ही बताया कि पीछे किसी वाहन ने टैंकर को टक्कर मार दी। गैस रिसाव हो गया। रिसाव होते ही गैस हवा के साथ जिधर बह रही थी, वह उसकी विपरीत भाग निकला। इसके बाद उसने फोन बंद कर लिया। संभावना है कि उसके साथ खलासी भी था, जो भाग निकला। खलासी उसने खुद ही रख रखा था। इसकी टैंकर मालिक को जानकारी नहीं है।
एफएसएल के निदेशक डॉ अजय शर्मा ने बताया कि उनके पास शनिवार को चार सैंपल आए थे। इनमें दो की शिनाख्त हो गई थी। तीसरे शव की शिनाख्त रविवार को डीएनए टेस्ट के जरिए की गई। मृतक प्रदीप कुमार निवासी कानपुर देहात के लिए उसके दो भाई वीरेन्द्र सिंह और संदीप कुमार ने सैंपल दिए थे। इन दोनों भाइयों के सैंपल प्रदीप कुमार से मैच हो गए। अब एक शव की पहचान होना बाकी है।
हादसे में झुलसने पर एक व्यक्ति के शरीर के दो टुकड़े हो गए। अस्पताल पहुंचाने वालों ने दोनों टुकड़ों को दो मृतकों के होने की बात कही। इसके चलते शनिवार को मृतकों की संख्या 14 बताई गई। लेकिन शनिवार रात को डीएनए की रिपोर्ट से पता चला कि एक ही मृतक के शरीर के दो टुकड़े हैं। इससे मृतकों की संख्या 13 ही है। हादसे में घायल 27 लोग अस्पताल में भर्ती हैं।