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Jaipur Tanker Blast: स्लीपर बस की डिग्गी में बाइक रखकर भेजी, फिर फोनकर पूछा- बाइक सुरक्षित है? पुलिस ने दिया गजब जवाब

जयपुर-अजमेर हाईवे पर शुक्रवार को हुए भीषण हादसे की जगह को देखने को लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं।

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जयपुर-अजमेर हाईवे पर शुक्रवार को हुआ भीषण हादसा लोगों के जेहन में बस गया है। घटनास्थल पर पहुंचने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं। जहां एक ओर कुछ लोग हादसे के खौफनाक दृश्य देखकर सहायता देने पहुंचे, वहीं कुछ लोग हादसे का तमाशा बना रहे हैं और जलते वाहनों के साथ सेल्फी ले रहे हैं। वहीं, कुछ ऐसे भी हैं जो जलकर राख हुए वाहनों से बचे हुए सामान को समेटने में व्यस्त दिखे।

समाज के रीयल हीरोज की पहचान

डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि गैस टैंकर में आग लगने के बाद कई लोगों ने अपनी जान की परवाह किए बिना घायलों की मदद की। किसी ने जलती हुई आग को बुझाने की कोशिश की, तो किसी ने घायलों को वाहनों से निकालकर अस्पताल पहुंचाया। कई लोग तो अपनी जान जोखिम में डालकर जलते हुए वाहनों से लोगों को बाहर निकालने में मदद कर रहे थे।

हालांकि, इनमें से बहुत से ‘रीयल हीरोज’ अभी तक पहचान से बाहर हैं। पुलिस ने समाज के इन नायकों की पहचान करने के लिए एक टीम बनाई है। सीसीटीवी फुटेज, घटना स्थल के वीडियो, सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई तस्वीरों और अस्पताल के कैमरों की फुटेज का सहारा लेकर पुलिस इन लोगों को सम्मानित करने की योजना बना रही है। पुलिस का कहना है कि पांच दिन के भीतर इन नायकों की सूची तैयार कर उन्हें सम्मानित किया जाएगा।

बिंदायका निवासी रवि मीणा ने बताया, ‘हमारा घर यहां से करीब 10 किलोमीटर दूर है, लेकिन धमाके की आवाज सुनकर हम तुरंत मौके पर पहुंचे। यह एक बेहद दुखद घटना थी।’ वहीं, घटना स्थल से 5 किलोमीटर दूर रहने वाले चंपालाल ने कहा, ’ऐसा हादसा मैंने पहले कभी नहीं देखा। मैं यही चाहता हूं कि ऐसा कुछ फिर से न हो।’

बाइक क्या, यहां तो जिंदगी खत्म हो गई

एक युवक ने अपनी बाइक को स्लीपर कोच की डिक्की में रखकर जयपुर भेजा था, लेकिन हादसे के बाद वह बाइक जलकर राख हो गई। पुलिस ने बताया कि जब युवक ने फोन किया और पूछा कि उसकी बाइक सुरक्षित है, तो उसे जवाब मिला, ’भैया, यहां तो सब कुछ खत्म हो गया।’

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डीपीएस कट बंद हो, नया अस्थायी कट बने

घटनास्थल पर तैनात पुलिसकर्मियों ने सुझाव दिया कि डीपीएस कट पर होने वाली दुर्घटनाओं और जाम से राहत पाने के लिए इस कट को बंद किया जाए। इसके बजाय, क्लोवर लीफ के पास एनएचएआइ की खाली पड़ी जमीन से होते हुए रिंग रोड पर एक नया अस्थायी कट बनाया जाए। यह कदम दुर्घटनाओं को रोकने में मददगार साबित हो सकता है। इसके साथ ही, वाहन चालकों को नए कट और रिंग रोड के मार्ग की जानकारी देने के लिए बड़े-बड़े दिशा सूचक संकेतक लगाने की भी आवश्यकता है।

घटनास्थल पर कई बच्चे और महिलाएं भी पहुंचे थे, जो कबाड़ बीनकर अपना जीवन यापन करते हैं। पुलिसकर्मियों ने बताया कि कुछ लोग मौके का फायदा उठाकर जले वाहनों से लोहा और सामान चुराने की कोशिश कर रहे थे। इन तमाशबीन को पुलिसकर्मियों ने तुरंत वहां से दूर किया। एक पुलिसकर्मी ने बताया, ’हमने देखा कि जलकर राख हुई एक बाइक के टुकड़े को दो लोग उठाकर ले जा रहे थे। पुलिस को देखते ही वे भाग खड़े हुए।’

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