राजस्थान रोडवेज के घाटे को कम करने के लिए निगम ने कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। अब चालक और परिचालक को हर माह न्यूनतम 3 हजार किलोमीटर बस चलाना अनिवार्य कर दिया है।
कोटपूतली। राजस्थान रोडवेज के घाटे को कम करने के लिए निगम ने कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। अब चालक और परिचालक को हर माह न्यूनतम 3 हजार किलोमीटर बस चलाना अनिवार्य कर दिया है। तय रूट और निर्धारित किलोमीटर पूरे न करने पर वेतन काटा जाएगा। इस फैसले से न केवल राजस्व में सुधार की उमीद है, बल्कि यात्रियों को भी नियमित बस सेवा मिलने का भरोसा बढ़ा है।
रोडवेज निगम के एमडी ने साफ निर्देश दिए हैं कि बसों के चालकों और परिचालकों को अब निर्धारित रूटों पर नियमित रूप से 3 हजार किलोमीटर चलाना होगा। इससे पहले कई चालक व परिचालक बसों को कम किलोमीटर तक चलाकर भी वेतन लेते थे, या फिर कार्यालयी कार्यों में व्यस्त रहते थे। इस वजह से यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा था और निगम को भारी घाटा हो रहा था।
नई व्यवस्था लागू होने से कोटपूतली आगार के कई रूटों पर नियमित बस सेवा सुनिश्चित होगी। इससे कई ऐसे दूरस्थ और ग्रामीण इलाके भी रोडवेज सेवा से जुड़ पाएंगे जो अब तक परिवहन सुविधा से वंचित थे। इस कदम से निगम के राजस्व में भी सुधार होगा और यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी।
कोटपूतली आगार में अभी 58 बसों का संचालन हो रहा है। इसमें रोडवेज की खुद की 25 व अनुबंध की 33 बसें है। इसमें अनुबंध की बीएस 6 की अधिकतर बसों एनसीआर क्षेत्र में दिल्ली मार्ग पर संचालन हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में अब भी गोपालपुरा चिमनपुरा, बखराना रायकरणपुरा, नागंल पण्डितपुरा व दांतिल मार्ग पर कई गांव रोडवेज से वंचित है। अभी 53 निर्धारित मार्गों पर 58 बसों का संचालन हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में कई गांव अब भी बस सेवा से दूर हैं, जिन पर जल्द ही विशेष ध्यान दिया जाएगा।