cow shelters: जागा प्रशासन, जिला कलक्टर ने दिए कड़े निर्देश। गौशाला अनुदान, सडक़ दुर्घटनाएं, गोवंश भरण-पोषण और स्ट्रे कैटल फ्री जोन पर रहा फोकस।
stray cattle: कोटपूतली-बहरोड़. सार्वजनिक स्थलों और सडक़ों पर विचरण कर रहे निराश्रित गौवंश की समस्याओं पर आखिरकार प्रशासन हरकत में आ गया है। जिला कलक्टर प्रियंका गोस्वामी की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में गौशाला प्रतिनिधियों और अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में गौशाला अनुदान, सडक़ दुर्घटनाएं, गोवंश के भरण-पोषण और स्ट्रे कैटल फ्री जोन बनाने जैसे अहम मुद्दों पर मंथन हुआ। जिला कलक्टर ने साफ निर्देश दिए कि नगर परिषद, एनएचएआई और पशुपालन विभाग आपसी समन्वय से काम करते हुए सडक़ों और बाजारों से निराश्रित गोवंश को चिन्हित कर नजदीकी गौशालाओं तक पहुंचाएं।
जिला कलक्टर ने कहा कि राष्ट्रीय व राज्य राजमार्गों पर विचरण करते गोवंश सडक़ दुर्घटनाओं का बड़ा कारण बनते जा रहे हैं। इससे न केवल मानवीय जीवन संकट में पड़ रहा है बल्कि पशुओं का भी जीवन खतरे में है। अब एनएचएआई और नगर निकाय सडक़ किनारों पर अवरोधक, चेतावनी बोर्ड और कैटल कैचर वाहन की व्यवस्था करेंगे, साथ ही घायल व रोगग्रस्त पशुओं के इलाज के लिए तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। बैठक में यह भी तय हुआ कि राजकीय सहायता प्राप्त गौशालाओं को अपनी क्षमता का कम से कम 10 प्रतिशत हिस्सा निराश्रित गोवंश के लिए आरक्षित करना होगा। इंकार करने वाली गौशालाओं के खिलाफ पशुपालन विभाग आवश्यक कार्यवाही करेगा।
अतिरिक्त जिला कलक्टर ओमप्रकाश सहारण ने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर भी गो-आश्रय स्थल खोलने के लिए पात्र संस्थानों को प्रेरित किया जाएगा। गौ संरक्षण में बेहतर कार्य करने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा। पशुपालन अधिकारी कैलाश शर्मा ने जानकारी दी कि जिले में कुल 60 गौशालाएं हैं, जिनमें 57 क्रियाशील हैं। इनमें 46 गौशालाओं को भौतिक सत्यापन के बाद अनुदान दिया जा रहा है। राज्य सरकार गौवंश के भरण-पोषण हेतु बड़े पशु पर 50 और छोटे पशु पर 25 रुपए प्रतिदिन सहायता राशि उपलब्ध करवाती है।
प्रशासन की इस पहल से उम्मीद जगी है कि सडक़ सुरक्षा, पशु कल्याण और आमजन की राहत के लिए ठोस कदम साबित होगी और जिले को स्ट्रे कैटल फ्री जोन बनाने की दिशा में यह अच्छी शुरुआत होगी। बैठक में नगर परिषद आयुक्त नूर मोहम्मद, पावटा ईओ फतेह सिंह मीणा, नीमराना ईओ राहुल अग्रवाल, बानसूर ईओ विशाल सहित कई अधिकारी और गौशाला प्रतिनिधि मौजूद रहे।