Rajasthan News: जैसलमेर हादसे के दो सप्ताह बाद एक बार फिर प्रदेश की सड़कों पर बस के नाम पर दौड़ रही चलती फिरती मौत ने फिर दो जिंदगियों को लील लिया।
जयपुर। जैसलमेर हादसे के दो सप्ताह बाद एक बार फिर प्रदेश की सड़कों पर बस के नाम पर दौड़ रही चलती फिरती मौत ने फिर दो जिंदगियों को लील लिया। जयपुर के पास टोडी ग्राम में एक ईंट भट्टे पर मजदूरों को छोड़ने जा रही स्लीपर बस बिजली लाइन के तारों से छू गई, जिससे बस में करंट दौड़ा और आग लग गई। सवारियों में चीख पुकार मच गई। इस हादसे में पिता-पुत्री की मौत हो गई और 13 अन्य झुलस गए। जिन्हें उपचार के लिए एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया। आग लगने से बस में रखे तीन सिलेंडर भी फट गए। हादसे के बाद चालक-परिचालक मौके से भाग छूटे।
उत्तरप्रदेश के पीलीभीत जिले से करीब 77 मजदूर मनोहरपुर थाना क्षेत्र के टोडी ग्राम स्थित एक ईंट भट्टे पर मजदूरी करने के लिए स्लीपर बस से आए थे। बस की छत पर उनका सामान बंधा था। ईंट भट्टे से करीब 300 मीटर पहले ही 11 केवी विद्युत लाइन बस से छू गई। इससे करंट दौड़ गया और तार टूटते ही बस में आग लग गई। हादसे के दौरान बस की छत पर सामान के साथ 15 गैस सिलेंडर भी रखे थे। उनमें से तीन सिलेंडर धमाके के साथ फट गए, जिससे बचाव कार्य में जुटे लोगों में अफरा तफरी का माहौल बन गया। आग पर चार दमकल और पांच टैंकर की मदद से काबू पाया गया।
हादसे के बाद घायल चांद बानो पत्नी जदीर हुसैन, नहीम पत्नी नवाब हुसैन, अजहर पुत्र नसीम, अल्ताफ पुत्र नूर मोहम्मद, सितारा पत्नी नूर मोहम्मद, नाजमा पत्नी नसीम, नसीम पुत्र काली हुसैन व सहीनम पुत्री नसीम घायल हो गए। जिनको उपचार के लिए शाहपुरा उप जिला अस्पताल में लेकर आए। जहां पर हादसे में शेरपुर कला (पीलीभीत) निवासी नसीम (50) पुत्र काली हुसैन एवं उसकी पुत्री सहीनम (18) ने दम तोड़ दिया। अन्य घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद जयपुर एसएमएस अस्पताल में रैफर किया गया।
बस में सवार अतीक अहमद ने बताया कि हम पहले भी यहां भट्टों पर काम करने आते रहे हैं। हमने चालक व परिचालक को मना कर दिया था कि आगे बस नहीं जाएगी, लेकिन वे नहीं माने और बस को आगे तक ले आए और बिजली के तारों के छू जाने से हादसा हो गया।
उत्तरप्रदेश के जिला पीलीभीत के पूरनपुर, लखीमपुर, बीटा, कल्याणपुर, शेरपुर कला, कसगनजा क्षेत्र से महिला, पुरुष व बच्चों सहित 77 मजदूर यहां टोडी में ईंट भट्टों पर मजदूरी करने के लिए आए थे। मजदूरों ने बताया कि दीपावली के बाद ईंट भट्टे शुरू हो जाते हैं। हादसे के बाद अन्य मजदूरों को ईंट-भट्टों पर भेज दिया गया।
मजदूर अपने घर से राशन सामग्री, 15 गैस सिलेंडर, चूल्हे, बर्तन, बिस्तर, कपड़े, जरूरी कागजात, चार मोटरसाइकिल, पांच साइकिल, एक बकरी, छह मुर्गी सहित घरेलू सामान लेकर आए थे। सामान व मोटरसाइकिलों को बस की छत पर बांध रखा था। सारा सामान जलकर राख हो गया।
परिवहन विभाग को भी हादसे का जिम्मेदार माना जा रहा है। कारण है कि बस राजस्थान के भरतपुर, दौसा और जयपुर आरटीओ द्वितीय के क्षेत्र से निकली। लेकिन तीनों ही आरटीओ क्षेत्र में बस पर कार्रवाई नहीं की गई। बस का जयपुर-आगरा और दौसा- मनोहरपुर हाईवे पर अवैध संचालन होता रहा। परिवहन विभाग अब क्षेत्रों में तैनात अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।
हमने सख्त निर्देश दिए हैं कि बस में किसी भी तरह के लगेज नहीं होगा। इसको लेकर अभियान में और सख्ती कर दी गई है। दोषी परिवहन अधिकारियोें पर कार्रवाई की जाएगी।
-शुचि त्यागी, सचिव एवं आयुक्त परिवहन विभाग
हादसे में घायल सात जनों को यहां रैफर किया गया। उनका प्लास्टिक सर्जरी के आइसीयू में इलाज चल रहा है। उनमें एक बच्चा भी है। घायल सितारा की हालत ज्यादा नाजुक है। उसका अंग विच्छेद भी हुआ है। अन्य घायलों के हाथ, पांव, मुंह समेत कई अंग बुरी तरह से झुलस गए हैं। दो अन्य मरीज को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
-डॉ. आरके जैन, वरिष्ठ आचार्य, प्लास्टिक सर्जरी विभाग, एसएमएस अस्पताल