Rajasthan Weather Change: राजस्थान में 1 से 5 जून तक पश्चिमी विक्षोभ के असर के कारण आंधी, तूफान और बारिश का दौर जारी रहा। बदले हुए मौसम का सीधा लाभ जयपुर शहर के बिजली वितरण तंत्र को मिला।
जयपुर। राजस्थान में 1 से 5 जून तक पश्चिमी विक्षोभ के असर के कारण आंधी, तूफान और बारिश का दौर जारी रहा। बदले हुए मौसम का सीधा लाभ जयपुर शहर के प्रसारण व बिजली वितरण तंत्र को मिला।
मई के अंतिम सप्ताह में भीषण गर्मी के कारण पीक लोड पर चल रहे हीरापुरा (400 केवी) और इंदिरा गांधी नगर (220 केवी) ग्रिड स्टेशनों पर 6 जून तक लोड घटकर 50 प्रतिशत के आसपास दर्ज हुआ।
प्रसारण निगम के अधिकारियों के अनुसार, शहर के लगभग 65 प्रतिशत हिस्से को बिजली आपूर्ति करने वाले हीरापुरा ग्रिड को सबसे अधिक राहत मिली। यहां कुल 1065 एमवीए क्षमता के ट्रांसफार्मर लगे हैं, जिनमें तीन ट्रांसफार्मर 250 एमवीए के और एक ट्रांसफॉर्मर 315 एमवीए का है। लोड डिस्पैच सेंटर के अनुसार, बदले मौसम के कारण इन ट्रांसफार्मर पर लोड 50 प्रतिशत या उससे कम दर्ज किया गया।
यह ग्रिड स्टेशन शहर के 35 प्रतिशत हिस्से को बिजली आपूर्ति करता है। यहां दो पावर ट्रांसफार्मर, प्रत्येक 160 एमवीए क्षमता के लगे हैं। मई के अंत तक इन पर लोड 130-130 एमवीए तक पहुंच गया था, जो अब घटकर 40-40 एमवीए दर्ज हुआ।
मौसम में आए बदलाव से न केवल प्रसारण बल्कि वितरण तंत्र को भी राहत मिली। अलग-अलग डिवीजनों के इंजीनियरों ने बताया कि, मई के अंत तक जहां बिजली गुल की प्रतिदिन 3 से 5 हजार शिकायतें मिलती थीं, वहीं अब यह घटकर 1500 से भी कम हो गई।
डिस्कॉम के एक वरिष्ठ इंजीनियर ने बताया कि, बिजली गुल की लगभग 40 प्रतिशत शिकायतें मीटर बॉक्स में लगी एमसीबी ट्रिप होने के कारण होती हैं। एक ही घर में तीन से चार एसी, फ्रिज और कूलर जैसे उपकरणों के साथ लोड बढ़ जाता है, जिससे एमसीबी डाउन हो जाती है। शिकायत पर टीम पहुंचने पर सप्लाई लाइन में कोई फॉल्ट नहीं मिलता, बल्कि एमसीबी गिरी हुई मिलती है, जिसे ऊपर करने पर बिजली सप्लाई पुन: चालू हो जाती है।
बिजली इंजीनियर पिछले साल गर्मियों के मुकाबले इस बार शहर के बिजली तंत्र के ज्यादा मजबूत होने के दावे कर रहे हैं, लेकिन राजधानी के बाहरी इलाके जैसे- सांगानेर, प्रताप नगर, मानसरोवर, पत्रकार कॉलोनी, पृथ्वीराज उत्तर और दक्षिण में बिजली गुल होने का सिलसिला जारी है।
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