Rajasthan Government: खाद्य सुरक्षा से श्रमिक कल्याण तक, दो वर्षों में बदली लाखों लोगों की तस्वीर। अंत्योदय की राह पर राजस्थान, योजनाओं से मिला गरीब और श्रमिक वर्ग को संबल।
Food Security Scheme: जयपुर। प्रदेश में अंत्योदय की भावना को जमीन पर उतारते हुए राज्य सरकार ने बीते दो वर्षों में खाद्य सुरक्षा योजना के दायरे को अभूतपूर्व रूप से बढ़ाया है। इस अवधि में 70 लाख से अधिक नए पात्र व्यक्तियों को योजना में शामिल किया गया, जिससे गरीब और जरूरतमंद परिवारों को सस्ती दरों पर खाद्यान्न की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित हुई है। सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी पात्र व्यक्ति सामाजिक सुरक्षा से वंचित न रहे। इसी सोच के तहत श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना के माध्यम से मात्र 8 रुपए में 15 करोड़ से अधिक पौष्टिक भोजन की थालियां परोसी जा चुकी हैं, जिससे श्रमिकों, छात्रों और निर्धन वर्ग को सीधा लाभ मिला है।
प्रदेश में श्रमिकों के कल्याण और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए राज्य सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं। गत दो वर्षों में 17 लाख 41 हजार से अधिक श्रमिकों का ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण किया गया। वहीं पीएम श्रम योगी मानधन योजना के तहत 24 हजार से अधिक श्रमिकों ने पंजीकरण कराया। निर्माण श्रमिकों के सशक्तिकरण के लिए 3 लाख 50 हजार नए श्रमिक पंजीकृत किए गए तथा 7 लाख 22 हजार निर्माण श्रमिकों को 806 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी गई। इसके साथ ही न्यूनतम मजदूरी में 26 रुपये प्रतिदिन की बढ़ोतरी कर श्रमिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने का प्रयास किया गया है।
राज्य सरकार जनजातीय, विमुक्त और घुमन्तु समुदायों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान को लेकर भी गंभीर प्रयास कर रही है। बीते दो वर्षों में 22 हजार से अधिक पात्र परिवारों को आवासीय पट्टे आवंटित किए गए, जिससे उन्हें स्थायित्व और सम्मानजनक जीवन मिला है। जनजातीय क्षेत्रों में धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत 6019 गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और आजीविका से जुड़ी योजनाओं को लागू किया जा रहा है। इसके अलावा 530 वनधन विकास केंद्रों के माध्यम से 1 लाख 53 हजार से अधिक महिलाओं को रोजगार से जोड़ा गया है। सरकार की ये पहलें प्रदेश में समावेशी विकास की दिशा में मजबूत आधार तैयार कर रही हैं।