जयपुर

World Photography Day: कैसा था जयपुर 100 साल पहले? दुर्लभ तस्वीरें बताती है कहानी

Old Jaipur Photos: देखें 100 साल पहले के जयपुर की दुर्लभ तस्वीरें

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Aug 18, 2025
फोटो: पत्रिका
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Hawa Mahal Old Photo: बरसों पहले भी जयपुर का हवा महल लोगों के लिए आकर्षण का बड़ा केंद्र था। 1799 में सवाई प्रताप सिंह द्वारा बनाया गया यह महल अपनी 953 खिड़कियों और खूबसूरत डिजाइन के लिए मशहूर है।

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Jaipur Albert Hall: 1887 में जनता के लिए खोला गया अल्बर्ट हॉल संग्रहालय जयपुर का सबसे पुराना म्यूज़ियम है। राम निवास गार्डन में स्थित यह खूबसूरत इमारत पहले भी शहर की शान मानी जाती थी।

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Jaipur Gangaur Festival: जैसे आज गणगौर को जयपुर में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है ठीक वैसे ही 100 साल पहले भी शहर की सड़कों पर विशाल शोभायात्राएं निकलती थीं। बड़ी संख्या में महिलाएं पारंपरिक पोशाकों में शामिल होती थीं और लोग रास्तों के दोनों ओर खड़े होकर उत्सव का आनंद लेते थे।

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Old Election Banner Photos : यह तस्वीर उस समय की है जब चुनाव प्रचार बड़े-बड़े होर्डिंग्स और पोस्टर्स के जरिए किया जाता था। बड़ी चौपड़ जैसे प्रमुख चौराहों पर नेताओं के पोस्टर लगते थे।

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Johari Bazar Old Photo: जोहरी बाजार का हलदिया हाउस उस दौर में व्यापार और खरीदारी का मुख्य केंद्र था। पुराने समय में भी इस बाजार में अच्छी भीड़ लगी रहती थी।

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Sargasuli: सरगासूली, जिसे ईसरलाट के नाम से भी जाना जाता है जयपुर की एक ऐतिहासिक मीनार है। मान्यता है कि इसका निर्माण राजा ईश्वरी सिंह ने अपनी जीत की याद में करवाया था। एक दिलचस्प किस्सा यह भी है कि राजा ने इसे सेनापति हरगोविंद नथाणी की बेटी को देखने के लिए बनवाया था।

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MI Road: आज की तरह एमआई रोड पुराने समय में भी जयपुर की सबसे चौड़ी और खास सड़कों में से एक थी। यह सड़क ब्रिटिश काल में बनाई गई थी और उस समय इसे “मिर्ज़ा इस्माइल रोड” कहा जाता था।

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आमेर महल के नीचे स्थित मावठा झील पहले राजमहल का मुख्य जल स्रोत मानी जाती थी। पुरानी तस्वीरों से पता चलता है कि यहां शाम के समय राजपरिवार और स्थानीय लोग टहलने आते थे।

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Galta Gate: अरावली की पहाड़ियों के बीच बसा यह प्राचीन गलता जी मंदिर जिसे गलता गेट के नाम से भी जाना जाता है। बंदरों की बड़ी संख्या के कारण इसे ‘बंदर मंदिर’ भी कहा जाता है। पुराने समय में श्रद्धालु कई किलोमीटर पैदल चलकर यहां पवित्र कुंडों में स्नान करने आते थे।

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Updated on:
18 Aug 2025 06:44 pm
Published on:
18 Aug 2025 05:23 pm
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