जयपुर शहर में कुल 41762 ई-रिक्शा चल रहे हैं। यह आंकड़े तो वे है जो सरकार के पास हैं। इसके अलावा कई ई-रिक्शों की जानकारी भी नहीं है। एक अनुमान के अनुसार इनकी संख्या पचास हजार को भी पार जा सकती है।
जयपुर। राजधानी जयपुर की सडक़ों पर 40 हजार से अधिक ई-रिक्शा दौड़ते हैं। इस कारण शहर की यातायात व्यवस्था अक्सर जाम की स्थिति में आ जाती है। सरकार के प्रयास नाकाम साबित हो रहे हैं। सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में स्वीकार किया है कि जयपुर शहर में कुल 41762 ई-रिक्शा चल रहे हैं। यह आंकड़े तो वे है जो सरकार के पास हैं। इसके अलावा कई ई-रिक्शों की जानकारी भी नहीं है। एक अनुमान के अनुसार इनकी संख्या पचास हजार को भी पार जा सकती है।
वर्तमान में वाहनों के पंजीयन का कार्य परिवहन विभाग के वाहन पोर्टल के माध्यम से किया जाता है। जिसमें वाहन स्वामी के पते का संधारण पंजीयन अधिकारी के क्षेत्राधिकार के अनुसार किया जाता है। वर्तमान में जयपुर-प्रथम के क्षेत्राधिकार में कुल 39878 ई-रिक्शा पंजीकृत है तथा जयपुर द्वितीय के क्षेत्राधिकार में 1884 ई-रिक्शा पंजीकृत है। इनमें परकोटे क्षेत्र के ई-रिक्शा भी सम्मिलित है।
29 हजार ई-रिक्शा के खिलाफ कार्रवाई
यातायात जाम से बचाने व बेतरकीब तरीके ई-रिक्शा चलने के कारण यातायात पुलिस भी मुस्तैद है। इस वर्ष अब तक जनवरी माह से 15 जुलाई तक 29 हजार 218 ई-रिक्शा चालकों के खिलाफ कार्यवाही की गई है। इनमें 930 के चालान काटे गए हैं। इसके अलावा 3064 ई-रिक्शा जब्त किए गए हैं।
ई-रिक्शा की संख्या को नियंत्रित करने के लिए सरकार के प्रयास
1-ई रिक्शा का स्वामित्व लाईसेंस धारक के नाम से ही होना आवश्यक है अर्थात ई-रिक्शा का संचालन उसके पंजीकृत वाहन स्वामी द्वारा ही किया जाएगा।
2-एक ही व्यक्ति के नाम से एक से अधिक ई-रिक्शा का पंजीयन नहीं किया जाएगा।
3- राज्य सरकार स्थानीय यातायात परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ई-रिक्शा का विनिर्दिष्ट क्षेत्र अथवा मार्ग पर संचालन निषिद्ध करेगी।
4-जयपुर विकास प्राधिकरण के ट्रैफिक कन्ट्रोल बोर्ड की 19 जुलाई को आयोजित बैठक में जयपुर शहर में ई-रिक्शा के संचालन को नियंत्रित करने के लिए 6 जोन बनाने व जोनवार ई-रिक्शों की अधिकतम संख्या का निर्धारण करने का निर्णय लिया गया है। परिवहन विभाग एवं जिला प्रशासन जयपुर की ओर से यह कार्यवाही अभी प्रक्रियाधीन है।