
पत्रिका फाइल फोटो
जयपुर। मकर संक्रांति के दौरान चाइनीज मांझे (नायलॉन/सिंथेटिक पतंग डोर) के अवैध उपयोग से पशु-पक्षियों और आमजन को हो रही गंभीर चोटों एवं मौत की घटनाओं को लेकर राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। शासन सचिव, पशुपालन, गोपालन एवं मत्स्य डॉ. समित शर्मा ने प्रदेश के सभी जिलों को विस्तृत एडवाइजरी जारी की है।
डॉ. शर्मा ने कहा कि नायलॉन/सिंथेटिक चायनीज मांझा और कांच या लोहे के चूर्ण से लेपित धागे न केवल मूक पक्षियों बल्कि आम नागरिकों के लिए भी जानलेवा साबित हो रहे हैं। इसके मद्देनजर एनजीटी और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेशों की सख्ती से अनुपालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
एडवाइजरी में निर्देश दिए गए हैं कि पुलिस और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से सघन तलाशी अभियान चलाकर प्रतिबंधित मांझे के स्टॉक को तुरंत जब्त किया जाए। इसके निर्माण, भंडारण और बिक्री पर पूर्ण रोक सुनिश्चित की जाए। उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम,1960, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम,1986 और भारतीय न्याय संहिता 2023 की संबंधित धाराओं में कार्रवाई होगी। बार-बार नियम तोड़ने वाले विक्रेताओं के लाइसेंस निरस्त करने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
उन्होंने कहा कि स्कूलों और कॉलेजों में विद्यार्थियों को प्रतिबंधित मांझा उपयोग न करने की शपथ दिलाने, सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से केवल सूती धागे के उपयोग को बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं। व्यापार संघों के साथ बैठक कर चाइनीज मांझे के विक्रय के बहिष्कार के लिए भी प्रेरित किया जाएगा।
डॉ. शर्मा ने कहा कि सभी जिलों में पशुपालन विभाग और स्वयंसेवी संस्थाओं के समन्वय से विशेष पक्षी चिकित्सा शिविर आयोजित किए जाएंगे। घायल पक्षियों के त्वरित उपचार के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी कर उसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा।
उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि यदि कहीं चाइनीज मांझे का अवैध उपयोग या बिक्री दिखाई दे तो तुरंत संबंधित प्रशासन को सूचित करें। साथ ही, खुले में पड़े मांझे के टुकड़ों को सुरक्षित तरीके से एकत्र कर नष्ट करें तथा पशु-पक्षियों को इससे बचाने के लिए भी विशेष सतर्कता और सावधानी बरतें।
Published on:
22 Dec 2025 06:22 pm
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