जयपुर

दिल्ली की तर्ज पर ‘राजस्थान’ में भी हो जीरो ई-एफआइआर की व्यवस्था, प्रदेश भी साइबर अपराधियों का गढ़

राजस्थान में भी दिल्ली की तर्ज पर साइबर ठगी के मामलों में जीरो ई-एफआइआर की व्यवस्था होनी चाहिए।

less than 1 minute read
Jun 24, 2025
Photo- Patrika

मुकेश शर्मा

राजस्थान में भरतपुर के डीग से निकलकर साइबर अपराधी अब अन्य जिलों में भी सक्रिय हो गए हैं। साइबर अपराध का ग्राफ इस तेजी से बढ़ रहा है कि प्रदेश में हेल्प लाइन नंबर 1930 पर हर माह 10 हजार शिकायतें मिल रही हैं। हालात यह है कि आमजन से ये साइबर ठग करोड़ों रुपए ठग रहे हैं। हालांकि राजस्थान पुलिस साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए अलग-अलग अभियान चलाकर कार्रवाई कर रही है। पर एफआइआर के मामले में देरी के चलते तुरंत समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।

राजस्थान में भी दिल्ली की तर्ज पर साइबर ठगी के मामलों में जीरो ई-एफआइआर की व्यवस्था होनी चाहिए। हाल ही में गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली में साइबर ठगी पर जीरो ई-एफआइआर की व्यवस्था लागू की है।

ऐसा जिला नहीं, जहां साइबर ठगी न हुई

हेल्प लाइन नंबर 1930 पर दर्ज होने वाली शिकायतों पर गौर करें तो राजस्थान में ऐसा एक भी जिला नहीं, जहां पर साइबर ठगी न हुई हो। गत एक माह में 1930 नंबर पर 10,316 साइबर अपराध की शिकायतें दर्ज हुईं। इनमें जयपुर कमिश्नरेट में सबसे अधिक शिकायत हुई। इसके बाद जोधपुर कमिश्नरेट में 506 व जोधपुर ग्रामीण में 133, उदयपुर में 546, सीकर 417, कोटा में 454, झुंझुनूं में 332, बीकानेर में 326, अजमेर 321, भीलवाड़ा में 316, हनुमानगढ़ में 291, अलवर में 281 शिकायतें दर्ज हुईं।

चल रही है कवायद

देश भर में साइबर ठगी के मामलों को लेकर ई-एफआइआर दर्ज होने की व्यवस्था होनी है। राजस्थान पुलिस की साइबर विंग ई-एफआइआर दर्ज होने की व्यवस्था के संबंध में दिल्ली साइबर विंग से जानकारी जुटा रही है।

- शांतनु कुमार, एसपी, पुलिस मुख्यालय साइबर क्राइम

Published on:
24 Jun 2025 09:19 am
Also Read
View All

अगली खबर