लोक अदालत में कुल 7648 प्रकरण रखे गए, जिनमें से 1192 का निस्तारण किया गया और 12.25 करोड़ रुपए की राशि के अवार्ड पारित हुए।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण व राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जैसलमेर न्याय क्षेत्र के सभी न्यायिक और राजस्व न्यायालयों व उपभोक्ता संरक्षण मंच में लंबित तथा प्री -लिटिगेशन प्रकरणों के निस्तारण के लिए तृतीय राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित हुई। लोक अदालत में कुल 7648 प्रकरण रखे गए, जिनमें से 1192 का निस्तारण किया गया और 12.25 करोड़ रुपए की राशि के अवार्ड पारित हुए। निस्तारित प्रकरणों में 868 न्यायालय में लंबित थे, जबकि 324 प्रकरण प्री -लिटिगेशन स्तर पर निपटाए गए।
प्रकरणों के निस्तारण के लिए पांच बेंच गठित की गईं। इनकी अध्यक्षता पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश चंद्रप्रकाशसिंह, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पोकरण डॉ. महेंद्र कुमार गोयल, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव किशोर कुमार तालेपा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जैसलमेर विजेंद्र कुमार और अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पोकरण नवीन रतनू ने की। बेंचों में सदस्यों के रूप में भगवानसिंह शेखावत, किशनप्रतापसिंह, जयप्रकाश गर्ग, पैनल अधिवक्ता सरवर खां और नवीन पुरोहित मौजूद रहे। वहीं राजस्व मामलों में उपखंड अधिकारी जैसलमेर सक्षम गोयल और उपखंड अधिकारी पोकरण लाखाराम ने भागीदारी निभाई। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव किशोर कुमार तालेपा ने बताया कि पक्षकारों ने उत्साह से भाग लेकर आपसी राजीनामे से विवादों का समाधान किया। प्रप्री -लिटिगेशन मामलों में बैंक और विद्युत विभाग ने बकायेदारों को ब्याज में छूट और योजनाओं का लाभ देते हुए राहत प्रदान की। इस दौरान भारत संचार निगम लिमिटेड के बकाया बिलों सहित विभिन्न बैंकों के ऋण वसूली से जुड़े 42 प्रकरण और बिजली व टेलीफोन बिलों से जुड़े 16 प्रकरणों का निस्तारण हुआ।