सीमावर्ती जैसलमेर जिले में पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन और पुनर्सीमांकन की अंतिम अधिसूचना जारी होने के बाद पंचायत समितिवार ग्राम पंचायतों का चेहरा सामने आ गया है।
सीमावर्ती जैसलमेर जिले में पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन और पुनर्सीमांकन की अंतिम अधिसूचना जारी होने के बाद पंचायत समितिवार ग्राम पंचायतों का चेहरा सामने आ गया है। इस संबंध में कलक्टर की ओर से अधिसूचना जारी की गई। जिले में 68 नई ग्राम पंचायतों का गठन हुआ है। जिसके बाद अब जिले में कुल 265 पंचायतें हो गई हैं। जैसलमेर विधानसभा में 143 और पोकरण में 122 पंचायतें शामिल होंगी।
इस प्रक्रिया में जैसलमेर में 22 और पोकरण विधानसभा क्षेत्र में 46 पंचायतों का इजाफा किया गया है। सबसे ज्यादा ग्राम पंचायतों की बढ़ोतरी भणियाणा पंचायत समिति में की गई है। आगामी पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव नए पुनर्गठन व पुनर्सीमांकन के आधार पर करवाए जाएंगे। गौरतलब है कि ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग की ओर से 2020 में ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन, पुनर्सीमांकन व नवसृजन किया गया था। इसके बाद गत वर्ष पुन: यह प्रक्रिया शुरू की गई। मुख्यत: दोनों विधायकों के निर्देशन में पंचायत समितियों में ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन, पुनर्सीमांकन व नवसृजन के प्रस्ताव तैयार कर भिजवाए गए। जिस पर विभाग की ओर से अधिसूचना जारी की गई। नई ग्राम पंचायतों के गठन और पंचायत मुख्यालयों में बदलाव पर संबंधित क्षेत्र के ग्रामीणों ने खुशी का इजहार किया है।
ग्राम पंचायतों की संख्या में घटत-बढ़त के बाद संबंधित पंचायत समितियों की पंचायत संख्याओं में भी परिवर्तन आया है। जैसलमेर समिति में अब 30 पंचायतें होंगी। इसमें 7 नई ग्राम पंचायतें जुड़ी हैं वहीं 2 हटाई गई हैं। ऐसे ही मोहनगढ़ में 2 नई पंचायतों के जुडऩे से कुल 21, फतेहगढ़ में 8 नई पंचायतों के जुडऩे व 2 के घटने से कुल संख्या 39 और सम में 11 ग्राम पंचायतों के जुडऩे और 2 के कम होने से कुल संख्या 53 हो गई है। वहीं पोकरण विधानसभा क्षेत्र की 3 पंचायत समितियों भणियाणा, सांकड़ा और नाचना में कुल 46 नई ग्राम पंचायतें बनी हैं। भणियाणा में 57, सांकड़ा में 45 और नाचना में 20 पंचायतें शामिल की गई हैं। जिससे ग्राम पंचायतों की कुल संख्या 122 हो गई है। पंचायत समिति भणियाणा में 23, सांकड़ा में 16, नाचना में 7 नई पंचायतों का गठन किया गया है। पूर्व में जिले की 7 ग्राम पंचायतों का क्षेत्र गत अर्से बनाए गए फलोदी जिले में शामिल किया जा चुका है।
ग्राम पंचायतों की संख्या बढऩे से क्षेत्र में अतिरिक्त बजट मिलेगा। जिससे क्षेत्र का विकास होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य होने से ग्रामीणों को नई सुविधाएं मिलेगी और समस्याओं का भी समाधान हो सकेगा।