फतेहगढ़ उपखंड की बईया के गाले की बस्ती में गुरुवार को ग्रामीणों ने सोलर परियोजना के ऑफिस के बाहर धरना दिया। नेतृत्व सामाजिक कार्यकर्ता दुर्जनसिंह सिहड़ार ने किया।
फतेहगढ़ उपखंड की बईया के गाले की बस्ती में गुरुवार को ग्रामीणों ने सोलर परियोजना के ऑफिस के बाहर धरना दिया। नेतृत्व सामाजिक कार्यकर्ता दुर्जनसिंह सिहड़ार ने किया।
ग्रामीणों का आरोप है कि 29 जून को प्रोजेक्ट में कार्यरत मोतीसिंह बईया और विक्रमसिंह झिनझिनयाली की सड़क हादसे में मौत हुई थी। दोनों युवक प्रोजेक्ट का सामान लेने झिनझिनयाली गए थे और वापसी में वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने से उनकी जान चली गई। आरोप है कि हादसे में शामिल वाहन कंपनी का था और मृतक भी प्रोजेक्ट में काम कर रहे थे।ग्रामीणों ने कहा कि दो माह बीतने के बावजूद कंपनी ने पीड़ित परिवारों की कोई सुध नहीं ली। यहां तक कि मृतकों के नाम कंपनी रिकॉर्ड से हटा दिए गए। इसी आक्रोश के चलते सैकड़ों ग्रामीण धरने पर बैठ गए और शाम को गेट पर ताला लगाकर सड़क भी बंद कर दी। बाद में पुलिस की समझाइश पर रास्ता खुलवाया गया, लेकिन धरना जारी रहा।
धरनार्थियों ने मांग रखी कि पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिया जाए, स्थानीय युवाओं को रोजगार मिले और सीएसआर फंड से गांवों में शिक्षा, चिकित्सा, पेयजल व सड़क जैसी सुविधाओं का विकास हो।धरना स्थल पर पहुंचे सोलर प्रोजेक्ट अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि मोतीसिंह बईया कंपनी से जुड़ा था, उसके परिजनों से बातचीत हो चुकी है और नियमों के अनुसार सहायता दी जाएगी। जबकि विक्रमसिंह कंपनी में कार्यरत नहीं था, फिर भी उसकी स्थिति उच्च अधिकारियों तक पहुंचाई जाएगी।