पोकरण व भणियाणा उपखंड क्षेत्र के करीब 300 गांवों में कहीं पर भी आग लगने की स्थिति में उस पर काबू पाने व लोगों को जान माल की सुरक्षा के लिए पोकरण उपखंड मुख्यालय पर मात्र एक नगरपालिका का दमकल वाहन है।
पोकरण व भणियाणा उपखंड क्षेत्र के करीब 300 गांवों में कहीं पर भी आग लगने की स्थिति में उस पर काबू पाने व लोगों को जान माल की सुरक्षा के लिए पोकरण उपखंड मुख्यालय पर मात्र एक नगरपालिका का दमकल वाहन है। गौरतलब है कि पोकरण व भणियाणा उपखंड क्षेत्र में करीब 300 गांव स्थित है। सीमावर्ती नाचना क्षेत्र में इन्दिरा गांधी नहर के पास घने जंगल, पोकरण के ग्रामीण क्षेत्रों में आए दिन आग की घटनाएं होती रहती है। जिन पर काबू पाने के लिए पोकरण नगरपालिका से दमकल पहुंचती है। पोकरण उपखंड मुख्यालय से गांवों की दूरियां अधिक होने के कारण कई बार दमकल वाहन पहुंचने से पूर्व काफी नुकसान हो चुका होता है तो कई बार वाहन पहुंचने से पहले आग पर काबू भी कर लिया जाता है। पोकरण से उत्तर दिशा में स्थित नाचना की दूरी 90 किमी और आगे गांवों की इससे अधिक, दक्षिण में मानासर व रावतपुरा की दूरी 100 किलोमीटर से अधिक, पूर्व में डेडिया तक 25 किमी व पश्चिम में लाठी तक 50 किलोमीटर और सांकड़ा, भैंसड़ा, ओला की दूरी 70 से 80 किमी होने के कारण समय पर दमकल वाहन नहीं पहुंच पाता है। आग लग जाने की घटना के दौरान लोगों को नुकसान उठाना पड़ता है। दूसरी तरफ राज्य सरकार की ओर से लंबे चौड़े भू-भाग के बावजूद अतिरिक्त दमकल वाहन की व्यवस्था नहीं की जा रही है।
विस्तृत भू-भाग में फैले पोकरण क्षेत्र में केवल एक दमकल के लिए हर जगह पहुुंच पाना मुश्किल हो जाता है। हालांकि सूचना पर पोकरण नगरपालिका की ओर से दमकल भिजवाई जाती है, लेकिन दूरी के कारण कई बार समय पर नहीं पहुंच पाने के कारण पीडि़त के साथ नगरपालिका को भी आर्थिक नुकसान होता है। कई बार नजदीकी सोलर कंपनियों की दमकल भी बुलवाई जाती है। ऐसे में भणियाणा व नाचना में दमकल की जरुरत महसूस हो रही है।
नगरपालिका की ओर से कस्बे में आग की घटना पर नियंत्रण के लिए दो वाहन खरीदे गए है। यहां नागरिक सुरक्षा विभाग की यूनिट नहीं होने की स्थिति में पोकरण व भणियाणा उपखंड क्षेत्र में कहीं पर भी आग लग जाने पर इस वाहन को बाहर भेजा जाता है, लेकिन वाहन में ईंधन की व्यवस्था प्रशासन की ओर से नहीं किए जाने के कारण गाड़ी में डीजल भी नगरपालिका को भरवाना पड़ता है, जिससे नगरपालिका पर व्यय भार बढ़ता जा रहा है। जिसके पुनर्भरण की कोई व्यवस्था नहीं है। जिसके चलते नगरपालिका को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि नियमों के अनुसार जिस ग्राम पंचायत में आग बुझाने के लिए दमकल वाहन जाता है, संबंधित ग्राम पंचायत की ओर से ईंधन की व्यवस्था करनी होती है, लेकिन किसी भी ग्राम पंचायत की ओर से ऐसी व्यवस्था नहीं की जा रही है।