Jaisalmer Tubewell Video: क्षेत्र में जमीन धंसने और विस्फोट होने की संभावना बनी हुई है। इसलिए जिला कलेक्टर ने धारा 163 लगाई थी, जो कि अभी भी प्रभावी है।
जैसलमेर में मोहनगढ़ नहरी क्षेत्र में शनिवार को ट्यूबवेल खुदाई के दौरान पानी का फव्वारा फूटने के मामले में बड़ी जानकारी सामने आई है। दरअसल बीती रात पानी का रिसाव अपने आप बंद हो गया है। इससे प्रशासन और ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।
उप तहसीलदार एवं कार्यपालक मजिस्ट्रेट ललित चारण ने बताया कि जैसलेर के मोहनगढ़ उप तहसील के 27 बीडी के जोरा माइनर पर ट्यूबवेल खोदते समय जमीन से पानी और गैस रिसाव की घटना हुई थी। इसके बाद बीती रात करीब 10 बजे पानी का रिसाव अपने आप बंद हो गया है।
हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि इस जगह किसी भी वक्त रिसाव फिर से शुरू हो सकता है। ऐसे में जहरीली गैस का भी रिसाव हो सकता है। उन्होंने कहा कि जमीन धंसने और विस्फोट होने की संभावना बनी हुई है। इसलिए जिला कलेक्टर ने क्षेत्र में धारा 163 लगाई थी, जो कि अभी भी प्रभावी है।
उन्होंने आम जनता से अपील की है कि कोई भी ग्रामीण ट्यूबवेल के 500 मीटर के क्षेत्र में प्रवेश नहीं करेगा। इसके साथ ही मवेशियों को भी क्षेत्र में जाने से रोकने की बात कही है। उन्होंने बताया कि खेत के काश्तकार को पाबंद किया है कि जब तक विशेषज्ञों की राय न आए, तब तक फंसे हुए उपकरणों को बाहर निकालने की कोशिश न करें।
आपको बता दें कि एक किसाने के खेत में ट्यूबवेल के लिए बोरिंग का काम चल रहा था। इस दौरान अचानक जमीन फट गई और पानी का तेज फव्वारा फूट पड़ा। ऐसे में मशीन और ट्रक जमीन में दफन हो गए। वहीं जमीन से भारी प्रेशर के साथ पानी और गैस निकलने लगी। यह मंजर देखकर ग्रामीण भी डर गए। आशंका जताई है कि यहां और बड़े एरिया में भूमि धंसाव और विस्फोट हो सकता है।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर पवन कुमार ने बताया कि केयर्न एनर्जी कंपनी के विशेषज्ञ अधिकारियों ने निरीक्षण किया है और जल्द ही इसकी रिपोर्ट दी जाएगी। उसके बाद ही आगे की कार्यवाही हो पाएगी। भूमि से निकले पानी वाले इलाके में प्रशासन व पुलिस की ओर से निगरानी की जा रही है।
इस संबंध में भू-जल वैज्ञानिक डॉ. नारायणदास इणखिया का कहना था कि भूमि से पानी काफी वेग से निकल रहा था। गैस के साथ निकले पानी में भूमिगत चिकनी मिट्टी भी निकली थी। इस मिट्टी की वजह से फसलों को नुकसान होने की आशंका है।