पोकरण कस्बे में हाल ही में हुई बारिश ने जर्जर सडक़ों की स्थिति को और बदहाल कर दिया है। कई वर्षों से डामर सडक़ों की मरम्मत और नवनिर्माण के अभाव में जगह-जगह गहरे गड्ढ़े बन गए है।
पोकरण कस्बे में हाल ही में हुई बारिश ने जर्जर सडक़ों की स्थिति को और बदहाल कर दिया है। कई वर्षों से डामर सडक़ों की मरम्मत और नवनिर्माण के अभाव में जगह-जगह गहरे गड्ढ़े बन गए है। ऐसे में यहां आवागमन दूभर हो गया है। करीब 30 हजार की आबादी और 25 वार्डों वाले कस्बे में सडक़ों की बिगड़ती हालत आमजन की रोजमर्रा की जिंदगी पर भारी पड़ रही है। नगरपालिका की ओर से लगातार अनदेखी के चलते इन सडक़ों की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। कस्बे में गत कई वर्षों से न तो सडक़ों की मरम्मत हुई है, न ही नवनिर्माण करवाया गया है। ऐसे में आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कस्बे के आडा बाजार में करीब एक दशक पूर्व डामर सडक़ बनाई गई थी। सडक़ लंबे समय से क्षतिग्रस्त हालत में हैं। गत दिनों हुई बारिश के बाद तो यहां से निकलना मुश्किल हो गया है। गहरे गड्ढ़ों के कारण आए दिन दुपहिया वाहन चालक गिरकर चोटिल हो रहे है। ऐसे में राहगीरों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसी तरह भूतड़ों की गली, खींवज बास, मालियों का बास और जोधनगर सहित कई गली मोहल्लों में सडक़ों की हालत वर्षों से जस की तस बनी हुई है।
सडक़ों पर बने गहरे गड्ढ़े दुपहिया वाहन चालकों के लिए हादसे का सबब बने हुए है। रात में पर्याप्त रोशनी नहीं होने के कारण हादसे की आशंका और भी बढ़ जाती है। इसके साथ ही बच्चों और बुजुर्गों का घर से निकलना तक मुश्किल हो गया है। क्षतिग्रस्त सडक़ों की समय रहते मरम्मत या नवनिर्माण नहीं किया जाता है तो समस्या और भी बढ़ सकती है। ऐसे में हादसे का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। बावजूद इसके नगरपालिका की ओर से सडक़ों की मरम्मत या नवनिर्माण को लेकर कोई कवायद नहीं की जा रही है।
कई बार नगरपालिका की ओर से गड्ढ़ों में ग्रेवल डालकर इतिश्री कर ली जाती है और सडक़ों की मरम्मत नहीं की जा रही। ग्रेवल कुछ ही दिनों में वाहनों के साथ निकल जाती है। कई बार बारिश हो जाने से ग्रेवल भीगकर फिसलन बढ़ा देती है, जिससे राहगीरों के गिर जाने और बाइक सवारों के रपट जाने से आशंका बढ़ जाती है।
आडा बाजार में सडक़ पूरी तरह से टूटकर बिखर चुकी है, साथ ही गहरे गड्ढ़े हो गए है। ऐसे में आए दिन राहगीर व बाइक सवार गिर रहे है। गड्ढ़ों के कारण यहां कभी किसी बड़े हादसे का भय बना हुआ है।
गलियों में वर्षों पूर्व डामर सडक़ बनाई गई थी, जिनकी मरम्मत नहीं हुई है। ऐसे में आए दिन परेशनी हो रही है, जबकि जिम्मेदारों की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।