Rajasthan news: सरकार रिक्त पदों के आधार पर लगभग आधे पद डीपीसी से भरती है और आधे पदों पर सीधी भर्ती की जाती है। डीपीसी का फायदा कार्यरत शिक्षकों को पदोन्नति के रूप में मिलता है
दिलीप दवे
वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता बनने का चार साल का इंतजार डीपीसी होने के बावजूद अभी भी खत्म नहीं हुआ है, क्योंकि चयन सूची जारी नहीं की गई है। इसके चलते 10530 वरिष्ठ अध्यापक व्याख्याता बनने से अभी तक वंचित है। खास बात यह है कि चार साल की जगह दो सत्र की ही डीपीसी हुई है, जबकि दो सत्र की बकाया है।
सरकारी विद्यालयों में कार्यरत विभिन्न संवर्ग के अध्यापकों की प्रति साल डीपीसी विभागीय पदोन्नति कमेटी होती है, जिसके माध्यम से पदोन्नति मिलती है। यह प्रक्रिया हर साल होती है, लेकिन प्रदेश में वरिष्ठ अध्यापकों से व्याख्याता की डीपीसी चार सत्र से नहीं हुई। बार-बार मांग और शिक्षकों के विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार ने नवम्बर में डीपीसी की स्वीकृति तो दे दी, लेकिन मात्र दो सत्र के लिए। इसके चलते दो सत्र 2021-22 व 2022-23 की डीपीसी हो पाई है। इस डीपीसी से प्रदेश के 10530 वरिष्ठ अध्यापकों के व्याख्याता पदों पर पदोन्नत का मार्ग प्रशस्त हो गया।
जानकारी के अनुसार 20 नवम्बर को अजमेर में डीपीसी प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। इसके बाद चयन सूची जारी होनी थी, लेकिन दूसरा सप्ताह शुरू होने के बावजूद अभी तक सूची जारी नहीं की गई है। ऐसे में चयन सूची में शामिल वरिष्ठ अध्यापक अभी भी व्याख्याता बनने की बाट जोह रहे हैं। गौरतलब है कि सरकार रिक्त पदों के आधार पर लगभग आधे पद डीपीसी से भरती है और आधे पदों पर सीधी भर्ती की जाती है। डीपीसी का फायदा कार्यरत शिक्षकों को पदोन्नति के रूप में मिलता है जिस पर अध्यापक डीपीसी का इंतजार करते हैं।
सरकार ने सत्र 2021-22 व 2022-23 की डीपीसी तो कर दी है, लेकिन पिछले सत्र 2023-24 व वर्तमान सत्र 2024-25 की डीपीसी प्रक्रिया आरंभ नहीं की गई है। इसके चलते करीब दस हजार वरिष्ठ अध्यापकों को अभी भी व्याख्याता बनने का इंतजार करना होगा।
गौरतलब है कि राजस्थान के सरकारी विद्यालयों में व्याख्याताओं के 55341पर स्वीकृत है, जिसमें से 37785 कार्यरत हैं, जबकि 17556 पद रिक्त है। अब डीपीसी के बाद 10530 वरिष्ठ अध्यापक व्याख्याता बन जाएंगे जिस पर इतने पदों पर पदरिक्तता खत्म हो जाएगी।
चारों सत्र की डीपीसी सरकार को करवानी चाहिए जिससे कि व्याख्याताओं की पदरिक्तता समाप्त हो सके। वहीं, दो सत्र की डीपीसी सूची को भी जल्द जारी कर नियुक्तियां दी जाएं, जिस पर स्कूल में शिक्षण कार्य सुचारू हो। सरकार नए स्वीकृत उच्च माध्यमिक विद्यालयों में भी अविलम्ब व्याख्याताओं के पद स्वीकृत कर सीधी भर्ती निकाल युवाओं को रोजगार के अवसर दें।