Seasonal diseases in Jalore: जालोर के सरकारी अस्पतालों में प्रतिदिन अस्पताल में एडमिट होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है, जिसमें बुखार के मरीज ज्यादा है।
Seasonal diseases in Jalore: जालोर में बारिश का दौर थम चुका है और आसमान भी साफ हो चुका है। दूसरी तरफ बदलने मौसम में मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या में बेतहाशा इजाफा हुआ है। इसमें सर्वाधिक मरीज बुखार, सिर दर्द और उल्टी-दस्त के हैं। विभागीय आंकड़ों की बात करें तो ओपीडी में दोगुना तक इजाफा हुआ है।
इसमें सर्वाधिक मरीज वायरल इंफेक्शन के चलते बुखार के हैं। बच्चों में भी बुखार और उल्टी दस्त के लक्षण ज्यादा नजर आ रहे हैं। ऐसे में अस्पतालों में जांच करवाने के लिए मरीजों की भीड़ जुट रही है। यह स्थित बदलते मौसम में तापमान में उतार चढ़ाव के कारण भी बन रही है। प्रतिदिन अस्पताल में एडमिट होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है, जिसमें बुखार के मरीज ज्यादा है।
1 सितंबर को अस्पताल की ओपीडी 437 थी, जिसमें 15 मरीज एडमिट थे, जिसमें से 10 बुखार से ग्रसित थे। इस दौरान बारिश का दौर जारी था। अगले ही दिन ओपीडी 1049 थी और आइपीडी 25 थी और बुखार के मरीज 20 थे। यह सर्वाधिक ओपीडी का आंकड़ा था। इसके बाद 23 सितंबर को 1044 ओपीडी रही और इसमें 24 आईपीडी थे।
सितंबर माह की शुरुआत से लेकर अक्टूबर माह के प्रारंभ तक सर्वाधिक मरीज बुखार के थे। जिसमें 1 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच की बात करें तो इस एक माह में 500 से अधिक मरीज तो केवल बुखार के ही थे। औसतन रोजना 17 बुखार के मरीज अस्पताल में पहुंचे।
बच्चों में भी मौसमी बीमारियों का असर अधिक देखने को मिल रहा है। बच्चों की ओपीडी औसतन 100 के करीब रहती है, लेकिन वर्तमान में यह 150 के करीब पहुंच गई है। बच्चों में वायरल बुखार का प्रकोप ज्यादा है। जिसमें डेंगू जैसे लक्षण देखने को मिल रहे है। जांच में बच्चों में प्लेट्लेट्स घटना और लू के लक्षण नजर आ रहे हैं। कार्ड टेस्ट में डेंगू के समान लक्षण आ रहे हैं, हालांकि विभाग इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है।
तारीख- ओपीडी- आईपीडी
2 सितंबर- 1049- 25
9 सितंबर- 997- 21
18 सितंबर- 987- 21
23 सितंबर- 1044- 24
30 सितंबर- 900- 15
1 अक्टूबर- 822- 14
मौसमी बीमारियों का असर बढ़ा है। बच्चों में बुखार, उल्टी दस्त और फ्लू के लक्षण ज्यादा देखे जा रहे हैं। बच्चों में जब भी इस तरह के लक्षण नजर आए तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें और समय पर जांच के साथ उपचार करवाएं।