झालावाड़

अब कॉलेज में अग्निवीर की तर्ज पर लगेंगे सहायक आचार्य

- पांच साल के लिए होगी नियुक्ति

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हरि सिंह गुर्जर

झालावाड़। प्रदेश में सरकारी कॉलेजों में व्याख्याताओं के खाली पद अब अग्निवीर की तर्ज पर भरे जाएंगे। राजस्थान कॉलेज एजुकेशन सोसायटी [राजसेस] के अधीन प्रदेश में संचालित 374 कॉलेजों में यह भर्ती होगी। पिछले दिनों मंत्रीपरिषद की बैठक में इस बारे में निर्णय किया गया।

निर्णय के अनुसार इन कालेजों में शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक पदों के लिए कुल 4724 पदों पर संविदा भर्ती निकाली है। इसमें से 3540 शैक्षणिक पदों पर यूजीसी मापदंडों के अनुरूप भर्ती की जाएगी। इसमें सेवाकाल अग्निवीर की तरह ५ वर्ष रखा गया है। उन्हें निर्धारित २८ हजार रुपए वेतन दिया जाएगा। जबकि यूजीसी मानदेय के अनुसार कॉलेज व्याख्याता का बेसिक 57 हजार 700 रुपए है।

पूर्व में कालेजों में विद्या सम्बल योजना के तहत नियुक्त व्याख्याताओं को 800 रुपए प्रति घंटे से भुगतान होता है। इस योजना के तहत नियुक्त व्याख्याता डॉ रवीन्द्र मोदी, डॉ दीपेश यादव, डॉ अंकिता नगरिया ने बताया कि उन्हें विद्या संबल में पहले 800 रुपए प्रतिघंटे के हिसाब से मानदेय दिया जा रहा था, लेकिन नए नियम के अनुसार अगर 28000 रुपए दिए जाएंगे तो उनका घर खर्च चलाना मुश्किल होगा। विद्या संबंल योजना में लगे व्याख्याताओं ने 372 कॉलेजों में अब तक शिक्षण व्यवस्था को संभाला, इसलिए पहले विद्या संबल योजना के व्याख्याताओं को कॉलेजों में समायोजित किया जाए। फिर खाली पदों पर यह भर्ती निकाली जाएं।

साढ़े तीन सौ प्राचार्य के पद रिक्त

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत भले ही सरकारी कॉलेजों में नए कोर्स और संसाधनों पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन राज्य के आधे से ज्यादा कॉलेज में प्राचार्य नहीं हैं। यह प्रभारियों अथवा वरिष्ठ व्याख्यातों के ही भरोसे संचालित हो रहे है। कई कॉलेज में तो मूलभूत संसाधन और सुविधाएं भी नहीं है। प्रदेश में कॉलेज शिक्षा निदेशालय के अधीन 665 कॉलेज हैं। इनमें से 374 कॉलेज में प्राचार्य ही नहीं हैं। करीब 100 में ही स्थायी प्राचार्य हैं, जबकि राजस्थान कॉलेज एजुकेशन सोसायटी [राजसेस] के तहत संचालित 150 कॉलेज में सबसे वरिष्ठतम शिक्षक ही प्राचार्य पद संभाले हुए हैं। ऐसे में कई जगह कॉलेजों में मॉनिटरिंग सहित कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय द्वारा मांगी जा रही सूचनाएं भी समय पर नहीं पहुंच पा रही है।

जिले में एक भी प्राचार्य नहीं

झालावाड़ जिले में 11 कॉलेज है। ये कालेज झालावाड़, भवानीमंडी, खानपुर, मनोहरथाना, पिड़ावा,चौमहला,डग,अकलेरा और असनावर में है। इनमें वर्तमान में स्थायी प्राचार्य नहीं है।

शिक्षकों के पद खाली.

राज्य में 6909 शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं। इनमें से 4304 पद पर ही शिक्षक हैं। शेष 2605 पद रिक्त हैं। नए खुले 400 कॉलेज में 70 प्रतिशत तक शिक्षकों के पद रिक्त हैं। आचार्य भर्ती-2023 अभी जारी है। इससे 1897 पदों पर भर्ती प्रोसेस में है।सहायक आचार्य भर्ती-2024 के तहत 574 शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की जानी है, लेकिन इसका अभी पाठ्यक्रम ही जारी नहीं किया। ऐसे में ये मामला कोर्ट में विचाराधीन है। जबकि इसकी परीक्षा इसी माह होने वाली है। इस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी।

नए खुले कॉलेजों के हाल

. कई कॉलेज में नहीं साइंस लैब

. खेलकूद के लिए मैदान नहीं

. किराए के भवन में कई कॉलेज संचालित हो

. विद्यार्थियों के लिए कैंटिन-कॉमन रूम नहीं

- डिजिटल अथवा कॉमन लाइब्रेरी नहीं

.- कैंपस प्लेसमेंट, एनसीसी, रोवर-रेंजर नहीं

कॉलेज शिक्षा: फैक्ट फाइल

. प्रदेश में 665 कॉलेज हैं

. 15 लाख सीट हैं यूजी.पीजी कॉलेज में

. 11 लाख विद्यार्थियों का है नामांकन

कम मानदेय में युवाओं का होगा शोषण-

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में विद्यार्थियों को बहुआयामी शिक्षा प्रदान करने और संकाय के अतिरिक्त अन्य विषयों का चुनाव करने जैसे प्रावधान किए गए हैं । इसके शोध की प्रवृत्ति को आगे बढ़ाने, आधुनिक तकनीक व संसाधन उपलब्ध कराने और योग्यतम शिक्षकों को नियुक्त करने जैसे लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, जिससे हमारे युवा सम्पूर्ण विश्व में अपनी कुशलता और क्षमता का लोहा मनवा सकें। किन्तु अस्थायी नियुक्तियों और एक सरकारी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से भी कम मानदेय पर महाविद्यालय में अध्यापन कार्य करवाना न सिर्फ योग्य उम्मीदवारों का अपमान है बल्कि युवा विद्यार्थियों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ है । राजसेस संचालित महाविद्यालय नैक द्वारा स्थापित मानदण्डों और यूजीसी की न्यूनतम आवश्यकताओं की भी पूर्ति नहीं करते हैं। भवनों और मूलभूत सुविधाओं के अभाव में उच्च शिक्षा मात्र छलावा बनकर रह गई हैं।

प्रो. डॉ बनय सिंह, प्रदेश महामंत्री ए राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ [रुक्टा]

Published on:
14 Dec 2025 11:33 am
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