There is no warden in the hostel, there is a computer but no instructor
झालरापाटन. नगर में संचालित राजकीय जनजाति आवासीय विद्यालय में वार्डन सहित 6 पद रिक्त होने से विद्यार्थियों को परेशानी आ रही है और उन्हें अपेक्षित सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप मीणा व भील समाज के विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ रहने खाने की सुविधा को ध्यान में रखते हुए आवासीय सुविधा के साथ यह विद्यालय खोला गया है। जिसमें 220 विद्यार्थी अध्यनरत है। इस आवासीय विद्यालय में 1 वर्ष से वार्डन का पद रिक्त होने से आवासीय बच्चों की उचित सार संभाल नहीं हो पा रही है। वार्डन के नहीं होने से बच्चों को समय पर भोजन, रहने का उचित प्रबंध और अन्य सुविधाओं की परेशानी आ रही है। हालांकि सरकार ने विद्यालय में प्रधानाचार्य के साथ ही तीन अन्य शिक्षकों के रहने की व्यवस्था कर रखी है। जिन्हें शिक्षण कार्य के अलावा छात्रावास की उचित सार संभाल के लिए अलग से भत्ता दिया जाता है, लेकिन यहां पर प्रधानाचार्य ही रहते हैं और यह तीनों शिक्षक भत्ता लेने के बावजूद यहां नहीं रहते हैं। प्रधानाचार्य के इन्हें पाबंद करने के निर्देश देने पर यह उनसे भी तू-तू मैं-मैं करने पर आमादा हो जाते हैं। विद्यालय में इसके अलावा एक पद हिंदी व्याख्याता, कनिष्ठ सहायक, पुस्तकालय अध्यक्ष, प्रयोगशाला सहायक एवं प्रयोगशाला सेवक का भी रिक्त चला आ रहा है। जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई और लाइब्रेरी की व्यवस्था गड़बड़ा रही है। इस विद्यालय में 14 कंप्यूटर, कंप्यूटर लाइब्रेरी एवं स्मार्ट क्लास होने के बावजूद कंप्यूटर अनुदेशक नहीं होने से इनका उपयोग नहीं हो पा रहा है और विद्यार्थियों को इस सुविधा से वंचित रहना पड़ रहा है।
विद्यालय में 1 वर्ष से वार्डन का पद तथा अन्य पदों के रिक्त होने के बारे में संबंधित उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया है। अभी इनमें से किसी की भी नियुक्ति नहीं हुई है फिलहाल जैसे तैसे व्यवस्था चलाना पड़ रही है।