एनएमसी की ओर से एलओपी यानी लेटर ऑफ परमिशन मिलते ही कॉलेज में पढ़ाई शुरू हो जाएगी। इस कार्य में तेजी लाने के लिए अकादमिक कार्यों को संपन्न करने के चूरू मेडिकल कॉलजे के ईएनटी में कार्यरत डॉ. राकेश साबू को प्रधानाचार्य लगा दिया गया। बीडीके अस्पताल के पीएमओ को कॉलेज का एडिश्नल सुपरिडेंट का चार्ज दे दिया गया है। कॉलेज में शिक्षण कार्य के लिए प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर व सीनियर रेजिडेंट के पद स्वीकृत कर दिए गए हैं।
शहर के नजदीक समसपुर गांव मेडिकल कॉलेज के इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से तैयार किया जा रहा है। समसपुर में कॉलेज भवन व बीडीके अस्पताल में कॉलेज के अस्पताल का निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है। मेडिकल कॉलेज के निर्माण का अधिकतम काम पूरा हो चुका है। एनएमसी की ओर से एलओपी यानी लेटर ऑफ परमिशन मिलते ही कॉलेज में पढ़ाई शुरू हो जाएगी। इस कार्य में तेजी लाने के लिए अकादमिक कार्यों को संपन्न करने के चूरू मेडिकल कॉलजे के ईएनटी में कार्यरत डॉ. राकेश साबू को प्रधानाचार्य लगा दिया गया। बीडीके अस्पताल के पीएमओ डॉ. संदीप पचार को कॉलेज का एडिश्नल सुपरिडेंट का चार्ज दे दिया गया है। कॉलेज में शिक्षण कार्य के लिए प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर व सीनियर रेजिडेंट के पद स्वीकृत कर दिए गए हैं। इन स्वीकृत पदों को जल्द ही भरा जाएगा। कॉलेज के अलग-अलग विभागों में ये पद स्वीकृत किए गए हैं। एक कॉलेज में 125 पदों को स्वीकृति दी गई है।
चूरू मेडिकल कॉलेज में कान, नाक, गला विभाग में कार्यरत प्रोफेसर डॉ. राकेश साबू ने गुरुवार को झुंझुनूं मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य का पदभार संभाल लिया। डॉ. साबू को चिकित्सा शिक्षा आयुक्त की ओर से मेडिकल कॉलेज में प्रधानाचार्य लगाया है और इन्हें अपने वर्तमान कार्यों के साथ-साथ मेडिकल कॉलेज में एनएमसी से संबंधित अकादमिक कार्य संपादित करने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान पीएमओ व एडिश्नल सुपरिडेंट डॉ. संदीप पचार, सहायक नोडल अधिकारी डॉ. जयप्रकाश यादव, डॉ. जितेंद्र भांबू, डॉ. संजय, डॉ. जयंत, डॉ. राजेंद्र पायल, डॉ. राजकुमार राव, डॉ. प्रतिभा कृष्णियां, डॉ. दुष्यंत, नावेद समेत अन्य चिकित्सक मौजूद रहे।
मेडिकल कॉलेज का अधिकतम काम पूरा हो चुका है। प्रधानाचार्य लगाया जा चुका है और विभिन्न विभागों में पद स्वीकृत कर दिए गए हैं। जल्द ही इन पदों को भरा जाएगा। एनएमसी की ओर से एलओपी जारी करते ही बैच शुरू कर दिए जाएंगे। शुरुआत में सौ विद्यार्थियों से बैच शुरू होंगे।