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शिक्षा विभाग की तैयारी, इस राज्य में होगी 5 हजार शिक्षकों की भर्ती, देखें 

Chhattisgarh Teacher Vacancy 2025: छत्तीसगढ़ में 5 हजार रिक्त पदों पर शिक्षकों की भर्ती की जाने वाली है। इससे राज्य के स्कूलों में पठन-पाठन के काम को गति मिलेगी और विद्यार्थी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी।

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Jun 01, 2025
छत्तीसगढ़ शिक्षक वैकेंसी 2025 प्रतीकात्मक तस्वीर (क्रेडिट- पत्रिका)

Chhattisgarh Teacher Vacancy 2025: यदि आप छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं औरसरकारी नौकरी करना चाहते हैं तो ये खबर आपके काम की है। छत्तीसगढ़ में 5 हजार रिक्त पदों पर शिक्षकों की भर्ती की जाने वाली है। इससे राज्य के स्कूलों में पठन-पाठन के काम को गति मिलेगी और विद्यार्थी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी।

5000 पदों पर होगी भर्ती

छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग की ओर से ये भर्ती विभिन्न पदों पर निकाली गई है। लगभग 5000 पदों पर भर्ती निकाली गई है। आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। हालांकि, भर्ती प्रक्रिया कब शुरू होगी इसे लेकर फिलहाल कोई अपडेट नहीं है। इस भर्ती के लिए डीएलएड और बीएड डिग्री वाले शिक्षक अप्लाई कर सकते हैं। 

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का उद्देश्य

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण पहल किए जा रहे हैं। इन्हीं में से एक पहल है स्कूलों और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण। स्कूलों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, इसके पूरा होते ही शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि जहां जरूरत हो वहां अच्छी शिक्षा पहुंचे और छात्रों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।

362 स्कूल में शिक्षक हैं, लेकिन छात्र नहीं 

राज्य की 30,700 प्राथमिक शालाओं में औसतन 21.84 बच्चे प्रति शिक्षक हैं। वहीं पूर्वमाध्यमिक शालाओं में 26.2 बच्चे प्रति शिक्षक हैं जोकि राष्ट्रीय औसत से कहीं बेहतर है। 212 प्राथमिक स्कूलों में अभी भी शिक्षक नहीं हैं और 6,872 प्राथमिक स्कूलों में केवल एक ही शिक्षक कार्यरत है। पूर्वमाध्यमिक स्तर पर 48 स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं और 255 स्कूलों में केवल एक शिक्षक हैं। वहीं 362 स्कूल ऐसे हैं जहां शिक्षक तो हैं लेकिन छात्र नहीं।

क्या है युक्तियुक्तकरण? 

युक्तियुक्तकरण एक प्रणाली जिसके तहत स्कूलों में ज्यादा शिक्षक हैं, लेकिन छात्र नहीं। वहां से शिक्षकों को निकालकर उन स्कूलों में भेजा जा रहा है, जहां शिक्षक नहीं हैं। इससे उन दोनों तरह के स्कूलों की समस्या दूर होगी, जिनमें या तो एक ही शिक्षक हैं या फिर शिक्षक तो हैं लेकिन छात्र नहीं। साथ ही स्कूलों के संचालन का खर्च भी कम आता है। एक ही परिसर में ज्यादा कक्षाएं चलाई जा सकती हैं। 

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