जोधपुर

राजस्थान से 10 दिनों में 301 बांग्लादेशियों को किया गया डिपोर्ट, इस जिले में पकड़े गए सबसे अधिक घुसपैठिए

Bangladeshi Deport: कागजों की जांच के बाद 14 मई को सीकर से 148 बांग्लादेशी नागरिकों को पुलिस सुरक्षा में जोधपुर लाया गया था। वायुसेना स्टेशन से उन्हें अगरतला भेजा गया था। अब 153 और बांग्लादेशी नागरिक बांग्लादेश भेजे गए हैं।

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May 24, 2025
बांग्लादेशियों को पकड़कर ले जाती पुलिस ( फोटो- ANI)

Bangladeshi Deport:जोधपुर। भारत में अवैध तरीके से रहने वाले बांग्लादेशी नागरिकों को उनके देश भेजने की कार्रवाई राजस्थान में तेज हो गई है। शुक्रवार को बांग्लादेश के 153 और नागरिकों को डिपोर्ट किया गया। जयपुर व सीकर से आए इन बांग्लादेशी नागरिकों को जोधपुर वायुसेना स्टेशन लाकर विमान से अगरतला भेजा गया, जहां से उन्हें बांग्लादेश भेजा जाएगा। खुफिया एजेंसियों ने पूरी कार्रवाई को गोपनीय रखा है।

इसी कड़ी में शुक्रवार को जयपुर व सीकर से पुलिस की कड़ी सुरक्षा में अलग-अलग बसों में 153 बांग्लादेशी नागरिक जोधपुर लाए गए, जहां वायुसेना स्टेशन ले जाया गया। फिर एयर इंडिया के विमान से सभी को अगरतला भेजा गया, जहां से उन्हें बांग्लादेश में भेजा जाएगा।

अबतक 301 बांग्लादेशी राजस्थान से रवाना

राजस्थान में अवैध प्रवासियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई के तहत 14 से 23 मई के बीच कुल 301 बांग्लादेशी घुसपैठियों को वापस भेजा गया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि दूसरे चरण के निर्वासन में 153 बांग्लादेशी नागरिकों को जोधपुर हवाई अड्डे से एयर इंडिया की विशेष उड़ान से पश्चिम बंगाल भेजा गया। वहां से सीमा सुरक्षा बल (BSF) उन्हें बांग्लादेश को सौंपने में मदद करेगी।

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पहले चरण में 148 बांग्लादेशी डिपोर्ट किए गए

14 मई को पहले चरण में 148 घुसपैठियों को वापस भेजा गया था। बांग्लादेश सरकार को अपने नागरिकों के वापस भेजे जाने की विधिवत सूचना दे दी गई है। पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद निर्वासन अभियान में तेजी आई। इसके जवाब में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने जिला अधिकारियों को राजस्थान में रह रहे अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासियों की पहचान करने और उन्हें हिरासत में लेने का निर्देश दिया था।

सरकार के आदेश पर तेज हुई कार्रवाई

केंद्र से मिले निर्देशों के क्रम में सीएम के आदेश पर पूरे प्रदेश में यह अभियान तुरंत शुरू किया गया। कई घुसपैठिए कई जिलों में फर्जी पहचान के साथ रहते पाए गए। इस अभियान के दौरान 1,000 से अधिक व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से अधिकांश के पास वैध भारतीय पहचान दस्तावेज नहीं थे। सूत्रों के अनुसार, जब्त किए गए कई प्रमाण पत्र जाली थे और यह पता लगाने के लिए जांच चल रही है कि ये दस्तावेज कैसे और किसकी मदद से बनाए गए।

सीकर में सबसे अधिक बांग्लादेशी

सीकर से 394 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया। अजमेर में 31 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। जयपुर में लगभग 218 बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया गया और अलवर से 117 लोगों को गिरफ्तार किया गया। जांच के दौरान पता चला कि सीकर में सबसे अधिक संख्या में अवैध बांग्लादेशी प्रवासी पाए गए। ये घुसपैठिए अपनी पहचान छिपाते हुए कई तरह के व्यवसायों में लगे हुए थे।

भारत में कबाड़ी का काम करते हैं बांग्लादेशी

प्रदेश भर में गिरफ्तार हुए बांग्लादेशी नागरिकों में महिलाएं ज्यादातर घरेलू कामों में लगी हुई थीं, जबकि पुरुष कबाड़ व्यापारी, खदान मजदूर, ईंट भट्ठा मजदूर, कचरा बीनने वाले और निर्माण मजदूर के रूप में काम करते थे। बंदियों में से कुछ की आपराधिक पृष्ठभूमि भी है।

राजस्थान में बनाए गए 6 डिटेंशन सेंटर

बंदियों की आमद को नियंत्रित करने के लिए राजस्थान सरकार ने 6 डिटेंशन सेंटर स्थापित किए हैं। अलवर में एक स्थायी केंद्र बनाया गया है, जबकि झाड़ोल (उदयपुर), मेड़ता (नागौर), बहरोड़ और जयपुर में दो स्थानों पर अस्थायी व्यवस्था की गई है। बांग्लादेशी घुसपैठियों को लक्षित करके चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत इन केंद्रों की स्थापना की गई थी। वर्तमान में इन हिरासत केंद्रों में करीब 1,008 व्यक्ति रखे गए हैं।

Updated on:
24 May 2025 03:06 pm
Published on:
24 May 2025 03:01 pm
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