जोधपुर

Anand Pal Encounter: कोर्ट ने माना-आनंदपाल का एनकाउंटर नहीं… हत्या हुई, सामने आई ये चार बड़ी वजह

Anand Pal Encounter: बहुचर्चित आनंदपाल सिंह एनकाउंटर प्रकरण में चूरू जिले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राहुल बारहठ सहित सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या व अन्य धाराओं में केस चलेगा।

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Jul 25, 2024

Anand Pal Encounter: जोधपुर। बहुचर्चित आनंदपाल सिंह एनकाउंटर प्रकरण में चूरू जिले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राहुल बारहठ सहित सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या व अन्य धाराओं में केस चलेगा। एसीजेएम (सीबीआई प्रकरण), जोधपुर महानगर ने बुधवार को सीबीआई की ओर से दायर क्लोजर रिपोर्ट खारिज कर दी तथा आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्रसंज्ञान लेते हुए प्रकरण दर्ज करने का आदेश पारित किया।

गैंगस्टर आनंदपाल की 24 जून, 2017 को चूरू के मालासर गांव में पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी। विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए राज्य सरकार की अनुशंसा पर केंद्र सरकार ने एनकाउंटर की जांच सीबीआई को सौंपी थी। सीबीआई ने प्रकरण की जांच करने के बाद 31 अगस्त, 2019 को कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की।

कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि आत्मसमर्पण कर चुके व पकड़े जा चुके व्यक्ति की गोली मारकर हत्या करना पदीय कर्तव्य के तहत किया गया कृत्य नहीं माना जा सकता। यह सही है कि आनंदपाल सिंह इनामी बदमाश था। उस पर विभिन्न आपराधिक प्रकरण दर्ज थे और घटना के वक्त पकड़े जाने से पूर्व उसने पुलिस बल पर फायर भी किया था, लेकिन पकड़े जाने के बाद उसकी हत्या को उचित नहीं माना जा सकता। आदेश के अनुसार प्रकरण में अभियोजन स्वीकृति की आवश्यकता दर्शित नहीं होती है।

कोर्ट ने यह कहा…

कोर्ट ने अपने प्रसंज्ञान आदेश के निष्कर्ष में कहा कि साक्ष्य से यह तथ्य प्रथम दृष्टया सामने आता है कि घटना के वक्त आनंदपाल सिंह ने आत्मसमर्पण कर दिया था तथा उसे पुलिस बल ने जीवित पकड़ लिया था। इसके बाद उसके साथ मारपीट कर नजदीक रेंज से उसे गोली मारी गई थी।

वो तथ्य, जो केस चलाने की वजह बने

  1. गोली का खोखा छत पर कैसे: तत्कालीन कुचामन सिटी वृत्ताधिकारी विद्या प्रकाश की पिस्टल से चलाई गोली का खाली खोखा छत पर मिला। जब विद्या प्रकाश आनंदपाल की मृत्यु होने तक छत पर नहीं गया तो गोली का खोखा छत पर कैसे पाया गया।
  2. पोस्टमार्टम की अलग-अलग रिपोर्ट: मृतक आनंदपाल के पहले पोस्टमार्टम में शरीर पर 11 गोलियां लगने का तथ्य सामने आया। दूसरे पोस्टमार्टम में उसके शरीर से 2 गोलियां और निकली थीं। इससे प्रथम पोस्टमार्टम पर सवाल उठता है।
  3. चोटों के आसपास टैटूइंग: दूसरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक की चोटों के आस-पास टैटूइंग पाई गई थी। कोर्ट ने संदेह जताया कि शरीर के नजदीक से लेकर 6 फीट तक से किए गए फायर के कारण ही टैटूइंग संभव है।
  4. कांस्टेबल का विरोधाभासी बयान: कांस्टेबल सोहन सिंह ने कहा था कि आनंदपाल के बर्स्ट फायर के जवाब में उसने भी बर्स्ट फायर किया। सीबीआई को दिए बयान में उसने कहा कि आनंदपाल के बर्स्ट फायर की गोली सामने दीवार पर टकरा कर उसकी पीठ पर लगी थी।

पत्नी ने पेश की थी प्रोटेस्ट याचिका


आनंदपाल की पत्नी राज कंवर ने प्रोटेस्ट याचिका पेश की थी। पीठासीन अधिकारी युवराज सिंह ने चूरू के तत्कालीन एसपी बारहठ सहित कुचामन सिटी के तत्कालीन वृत्त अधिकारी विद्या प्रकाश, पुलिस निरीक्षक सूर्यवीर सिंह, हेड कांस्टेबल कैलाश चेद्र, कांस्टेबल सोहन सिंह, धर्मपाल और धर्मवीर के खिलाफ प्रसंज्ञान लिया।

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