जोधपुर

Jodhpur News : जोधपुर में कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के काफिले की कार पर हॉकी से हमला, मचा हड़कंप

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के काफिले की कार पर हमले के बाद मौके पर हड़कंप मच गया। पुलिस ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी।

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Mar 14, 2025
पत्रिका फोटो

राजस्थान के जोधपुर के मंडोर क्षेत्र में राव जी की गेर में शुक्रवार शाम को शामिल होने के लिए पहुंचे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के काफिले में शामिल उनकी स्पेयर कार पर किसी अज्ञात व्यक्ति ने हॉकी से हमला करके कांच फोड़ दिया।

पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाई

हालांकि इस दौरान केंद्रीय मंत्री शेखावत अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ गेर में मौजूद थे और गाड़ियां एक तरफ खड़ी थीं। शेखावत के काफिले की कार पर हमले के बाद मौके पर हड़कंप मच गया। पुलिस ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी। इसके बाद वे जालोरी गेट पहुंचे, जहां भीतरी शहर में उन्होंने लोगों से मिलकर होली की शुभकामनाएं दी। इस दौरान पुलिस का भारी जाप्ता जालोरी गेट पर तैनात किया गया।

अतिरिक्त सुरक्षा बल उपलब्ध कराया

रावजी की गेर हमेशा की तरह धुलण्डी के दिन शाम को मंडोर क्षेत्र से निकल रही थी। केंद्रीय मंत्री शेखावत भी अपने काफिले के साथ शाम 7:30 बजे गेर में शामिल होने के लिए पहुंचे। वह अपना काफिला एक तरफ खड़ा करके गेर के अंदर पहुंचे, इस दौरान पीछे से किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनकी स्पेयर कार पर जोरदार हमला करके कांच फोड़ दिया। इससे एक बार तो अफरा-तफरी मच गई। पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति की तलाश शुरू कर दी। इसके बाद शेखावत सीधे जालोर गेट पहुंचे, जहां पुलिस ने उनको अतिरिक्त सुरक्षा बल उपलब्ध कराया।

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गौरतलब है कि सैनिक क्षत्रिय माली समाज की ओर से मंडोर में धुलण्डी के दिन शुक्रवार को रावजी की गेर मेला आयोजित किया गया। इस दौरान मंडोर क्षेत्र में गेरिए ने फाग गीतों के साथ धमाल मचाई। वहीं मंडोर की प्रसिद्ध रावजी की गेर मेला देखने जन सैलाब उमड़ा। गेर में राव राजा के साथ गेरिए रंग बिरंगे वस्त्र पहने गाते नाचते कूदते चल रहे थे।

परंपरागत पूजन के बाद दोपहर करीब 2.45 बजे मण्डवता बेरा की गेर अपने मंदिर से रवाना होकर खोखरिया बेरा पहुंची। खोखरिया बेरा की गेर, उनके पीछे चलते हुए भियाली बेरा, गोपी का बेरा होते हुए फतेहबाग पहुंची। वहां से राव राजा आमली बेरा, लाला का बेरा, भलावता बेरा से मंडोर नागकुंड पहुंचा। राव के नागकुण्ड में कूदने के बाद गेरिए पानी से भरकर डोलचियां एक-दूसरे पर डालते हुए होली खेली। इसके बाद गेरों का विसर्जन हुआ।

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