Jodhpur News: महामंदिर चौराहे से आखलिया सर्कल तक बनेगा, 938.59 करोड़ का होगा पहला चरण, 7.6 किमी का बनेगा एलिवेटेड रोड और 7 किमी का होगा रैम्प निर्माण, 4000 करोड़ से ज्यादा का है प्रोजेक्ट
Jodhpur Elevated Road: जोधपुर शहर को ट्रैफिक जाम से जल्द निजात मिलेगी। इसके लिए तैयार किया गया केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय का एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट जल्द धरातल पर आएगा। इसके लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से टेंडर जारी किया गया है। 938.59 करोड़ के इस पहले चरण के टेंडर में 7.6 किमी का एलिवेटेड रोड और 7 किमी का रैम्प निर्माण किया जाएगा। गौरतलब है कि यह 4000 करोड़ का प्रोजेक्ट है, जिसमें कई चरणों में काम होगा।
यह एलिवेटेड रोड तीन लेयर में फोरलेन का बनेगा। वर्तमान में मंडोर रोड की जो चौडाई है, उसे ही यथावत रखा जाएगा। इसमें पहली लेयर सामान्य सड़क की होगी, इसके बाद फ्लाईओवर बनाया जाएगा। तीसरी लेयर पर मेट्रो का प्रस्तावित प्लान रखा गया है। यह सिंगल पियर पर बनने वाला रोड होगा, इसमें अनुमानित 100 पियर लगेंगे।
एलिवेटेड रोड की लम्बाई महामंदिर चौराहे से आखलिया सर्कल तक 7.633 किमी की होगी, लेकिन दोनों ओर करीब 2 किमी रैम्प होगी। इसके अलावा इस रिंग रोड पर चार जगह उतरने और चढ़ने के लिए भी रोड रैम्प दी जाएगी, जिससे रैम्प की कुल लम्बाई 7.012 किमी होगी। दो साल पहले जब ट्रैफिक पैसेंजर कार यूनिट सर्वे हुआ तो 74 हजार पाया गया था जो कि अब काफी बढ़ चुका है। यह रोड कृषि मंडी चौराहे के समीप से शुरू होकर महामंदिर, पावटा, पुरी तिराहा, जालोरी गेट, पांचवी रोड, आखलिया सर्कल से होकर कायलाना चौराह व चौपासनी रोड तक जाएगा।
जोधपुर में एलिवेटेड रोड को बनाने में एनएचएआई हाइब्रिड एन्युटी मॉडल यानि एचएम का उपयोग होगा। यह मॉडल डिजाइन, बिल्ड, ऑपरेट व ट्रांसफर पर काम करता है। इसमें जिस कंपनी को टेंडर मिलेगा वही डिजाइन बनाने के बाद इसका निर्माण करेगी व संचालन भी करेगी।
इस प्रोजेक्ट के प्रथम चरण की लागत 938.59 करोड़ रखी है, जिससे कि इसे मंत्री नितिन गडकरी के स्तर पर अनुमोदित करवा कर धरातल पर लाया जा सके। 1000 करोड़ से अधिक के प्रोजेक्ट के लिए कैबिनेट की अनुमति लेनी होती है।
सबसे पहले कांग्रेस सरकार में इसके लिए सर्वे हुआ। फिर सरकार बदली तो प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया। फिर कांग्रेस सरकार आई तो राज्य सरकार ने फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करवाई। इसके बाद सरकार पलट गई, अंत में केन्द्र सरकार ने इसे पूरा करने के लिए कदम बढ़ाया। राजस्थान पत्रिका लगातार इस मुद्दे को उठाकर लोगों को राहत पहुंचाने के प्रयास कर रहा है।
यह जोधपुर की डिमांड थी जो अब धरातल पर उतरेगी। यह बड़ा प्रोजेक्ट है, जो 1000 करोड़ से कम की लागत पर टेंडर प्रक्रिया में रखा गया है। ताकि सड़क एवं परिवहन मंत्री के स्तर पर ही इसकी अनुमति मिल सके।