कटनी-जबलपुर रेलखंड पर जबलपुर एंड में ए-केबिन के पास स्थित है डायमंड क्रॅासिंग, जबलपुर से मंगवाई गईं नई पटरियां, दो सेक्शन में ब्लॉक लेकर किया जाएगा कार्य, बढ़ेगी ट्रेनों की रफ्तार
कटनी. कटनी-जबलपुर रेलखंड पर जबलपुर एंड में ए-केबिन के पास ट्रेक पर स्थित अंग्रेजों के जमाने वाली डायमंड क्रॉसिंग को बदलने के लिए सर्वे कार्य पूरा हो गया है। कटनी से रिपोर्ट बनाकर जबलपुर भेजी गई है। हरी झंडी मिलते ही डायमंड क्रॉसिंग को खत्म कर रेलपांत बदलने का कार्य किया जाएगा। यहां प्रति मीटर 52 किलो वजन की पांत बिछी हुई हैं, जिन्हें बदलकर 60 किलोग्राम वाली रेलपांत बिछाई जाएंगी। इसके लिए जबलपुर से रेलपांत आना शुरू हो गई हैं। रेलवे जल्द ही कटनी-जबलपुर व कटनी-मुड़वारा सेक्शन पर ब्लॉक लेकर यह कार्य कराएगा। डायमंड क्रॅासिंग बदलने के बाद यहां ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी और यातायात सुगम होगा।
जानकारी के अनुसार ए केबिन के पास बना रेलपांत का डायमंड सिस्टम अंग्रेजों के जमाने का है। बढ़ती तकनीक और आधुनिक दौर में उस सिस्टम के खराब होने वाले उपकरण भी आसानी से उपलब्ध नहीं होते। बताया जा रहा है कि इस सिस्टम से इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट को भी काफी दिक्कत होती है। इसके अलावा यहां पर ट्रेनों के मूवमेंट में फर्क पड़ता है, इसलिए रेल अफसरों ने यह निर्णय लिया है। अभी कटनी से साउथ रेलवे स्टेशन तक याने कि ए केबिन के पास ट्रेनें 15 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ही चलती हैं, जिससे काफी समय प्रभावित होता है। डायमंड क्रॉसिंग में बदलाव के दौरान ही स्टॉक रेल, टंग रेल सहित सिग्नल प्रणाली में भी जरूरी बदलाव किया जाएगा, जिससे यहां ट्रेनों का आवागमन सुचारू रूप से हो सकेगा। उल्लेखनीय है कि डायमंड क्रॉसिंग पर हर दिन डेढ़ सौ यात्री ट्रेनें रेंग रही हैं। इसका खमियाजा यात्री भुगत रहे हैं। सुपरफास्ट ट्रेनें भी पिट रही हैं। यहां पर 50 किलोमीटर की जगह 10 से 15 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से ट्रेन प्लेटफार्म में पहुंचती हैं।
दरअसल अप और डाऊन ट्रैक की दोनों पटरियां किसी एक स्थान पर दो अन्य अप और डाऊन ट्रैक को क्रॉस करती हैं, वहां प्लस का निशान बन जाता है, जिसे रेलवे की परिभाषा में डायमंड क्रॉसिंग कहा जाता है। यहां से ट्रेनों को निकलने में थोड़ी परेशानी जरूर होती है, लेकिन ये काम भी करता है। हालांकि रेलवे अब इन्हें खत्म करता जा रहा है, ताकि ट्रेनों को कॉशन पर न निकालना पड़े। इसी क्रम में कटनी की 100 साल पुरानी डायमंड क्रॉसिंग को हटाया जा रहा है।
अभी ट्रेन साउथ रेलवे स्टेशन से कटनी जंक्शन पहुंचने के लिए 10 से 15 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार हो जाती है। रेल अधिकारियों की माने तो एनआई वर्क हो जाने से ट्रेनों की गति तीन गुना बढ़ जाएगी। 15 किलोमीटर प्रतिघंटा रफ्तार बढ़ 45 से 50 किलोमीटर हो जाएगी। वर्षों पुरानी समस्या से निजात मिल जाएगी। मेन लाइन न सिर्फ सीधी हो जाएगी बल्कि कटनी जंक्शन के प्लेटफॉर्मों की कनेक्टिविटी भी ठीक हो जाएगी, ताकि दोनों रूट की ट्रेनें आसानी से प्लेटफॉर्मों में ली जाए सकेंगी।
खास-खास
डायमंड क्रॉसिंग के कारण हो रही समस्या को लेकर पत्रिका ने प्रमुखता से समस्या उजागर की। इस मामले को लेकर रेलवे के जीएम और डीआरम से बात की और समस्याएं बताईं, जिसके बाद अधिकारियों ने गंभीरता लिया व सर्वे कराया।
इनका कहना
वर्षों पुरानी डायमंड क्रॉसिंग हटाने के लिए सर्वे कर लिया गया है। रेलपांत भी मंगवाई जा रही हैं। ब्लॉक की अनुमति मिलने पर जल्द ही यहां कार्य शुरू करते हुए रेलपांत बदले जाएंगे।
प्रदीप कुमार, सहायक मंडल अभियंता, कटनी