
Narmada nahar
कटनी. नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की बरगी व्यपवर्तन योजना के तहत जबलपुर के बरगी से रीवा तक नर्मदा जल पहुंचाने के लिए स्लीमनाबाद में 12 किलोमीटर लंबी टनल बनाई जा रही है तो वहीं तीन जिलों को जोडऩे नहरों का निर्माण कराया गया है। टनल का निर्माण तो 14 वर्ष बाद भी अधूरा है लेकिन नहरों का निर्माण करीब चार वर्ष पूर्व हो चुका है। इन नहरों में टनल अधूरी होने के कारण पानी तो नहीं पहुंचा लेकिन चार वर्षों में नहरें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गईं। हाल ही में नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा करीब 29 करोड़ की लागत से जिले की सीमा में स्थित नहरों का मेंटनेंस कराया गया है लेकिन मैहर जिले की सीमा में आने वाली नहरें अबतक खराब पड़ी हुई हैं। शहर के समीप से ही प्राधिकरण की सीमा के अनुसार मैहर की नहरें शुरू हो जाती है लेकिन अबतक इनका मेंटनेंस शुरू नहीं हुआ है। बताया गया है कि मैहर प्राधिकरण के अंतर्गत इन नहरों के मेंटनेंस का स्टीमेट तैयार कराया जा रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि यदि समयसीमा में टनल का निर्माण पूरा हो जाता है तो कटनी से मैहर व रीवा के लिए नर्मदा जल का रास्ता ये खराब नहरें रोकेंगी और सीपेज की समस्या होगी।
शहर में कटनी-दमोह मार्ग पर कृषि उपजमंडी के समीप आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर नहर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। नहर की लाइनिंग बिखरी पड़ी है और कई स्थानों पर नहर के गड्ढे में मिट्टी समा गई है। इस नहर से होकर ही नर्मदा का पानी मैहर, सतना व रीवा जिले तक भेजा जाना है। बताया गया है कि इस नहर का निर्माण करीब 30 करोड़ की लागत से किया गया था।
द्वारा इस योजना के तहत कटनी के स्लीमनाबाद में देश की सबसे लंबी पानी की टनल बनाई जा रही है। टनल की कुल लंबाई 11 हजार 953 मीटर रूपांकित है, जिसमें से 11 हजार 429 मीटर टनल की खुदाई पूरी हो चुकी है। जबकि करीब 524 मीटर टनल की अभी खुदाई की जानी शेष है, जिसे जनवरी 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा। टनल बनते ही कटनी से यह पानी रीवा व सतना तक पहुंचेगा।
जानकारी के अनुसार टनल का निर्माण वर्तमान में स्लीमनाबाद के समीप बस्ती के नीचे किया जा रहा है। इस कार्य के चलते यहां से 12 परिवारों को अन्यत्र शिफ्ट किया गया है। एनवीडीए के एसडीओ दीपक मंडलोई ने बताया कि यह काम तेजी से आगे बढ़ रहा है और रोजाना 10 से 12 मीटर तक खुदाई की जा रही है।
स्लीमनाबाद में टनल का निर्माणकार्य 524 मीटर शेष है, जिसे जनवरी 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है। कटनी सीमांतर्गत करीब 29 करोड़ की लागत से नहरों का मेंटनेंस कराया गया है। क्षतिग्रस्त नहरें मैहर की सीमा में है, जहां टेंडर प्रक्रिया चल रही है। अधिक जानकारी संबंधित अधिकारी दे पाएंगे।
Published on:
24 Dec 2025 08:15 am
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