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अजब-गजब मामला: किराया नहीं मिला तो मकान मालिक ने संजीवनी क्लीनिक में लगाया ताला

लोगों को नहीं मिला उपचार व दवाएं, 9 माह से नहीं मिला किराया, बस स्टैंड के समीप कुशवाहा नगर का मामला

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कटनी

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Balmeek Pandey

Dec 23, 2025

Saneevni clinic katni

Saneevni clinic katni

कटनी। जिला अस्पताल से लेकर जिलेभर के स्वास्थ्य केंद्रों में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच शहर के कुशवाहा नगर में चौकाने वाली तस्वीर सोमवार को सामने आई है। यहां पर संजीवनी क्लीनिक निजी बिल्डिंग में किराये पर संचालित हो रहा है। मकान मालिक को किराया नहीं मिला तो ताला जड़ दिया गया है, जिससे स्वास्थ्य विभाग में हडक़ंप मचा रहा। जानकारी के अनुसार कुशवाहा नगर में राकेश कुशवाहा की बिल्डिंग में संजीवनी क्लीनिक का संचलान हो रहा है। इनको नौ माह से किराये का भुगतान स्वास्थ्य विभाग द्वारा नहीं किया गया। मकान मालिक कई बार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से मांग करते रहे, लेकिन कभी बजट न आने के कारण बताकर तो कभी पोर्टल में समस्या बताकर टालमटोल किया जाता रहा, जिसके बाद मकान मालिक ने सरकारी अस्पताल में ताला डालकर लोगों को स्वास्थ्य सुविधा से वंचित करने का दुस्साहस कर दिया है।

बजट और पोर्टल पर ठीकरा

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार विभाग के अधिकारी व लेखापाल की हीलाहवाली के कारण समय पर किराये का भुगतान नहीं हुआ, जिसके कारण यह नौबत आई। बताया जा रहा है कि बजट आने के बाद भी सीएमएचओ कार्यालय के लेखापाल द्वारा किराये की राशि नहीं जमा की गई। संजीवनी क्लीनिक में स्टॉफ नर्स संगीता धुर्वे द्वारा हर दिन दर्जनों मरीजों की जांच व उपचार दिया जा रहा था, जो सोमवार को बंद रहा। संजीवनी क्लीनिक में शुगर की जांच व दवाएं, बीपी की जांच व दवाएं, मलेरिया की जांच व दवाएं, गर्भवती महिलाओं की जांच, बच्चों के समस्त प्रकार की जांचें व दवांए, गर्भवती महिलाओं को दवाइयां दी जाती हैं, जो सोमवार को नहीं दी गईं।

मरीजों को नहीं मिली सुविधा

स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार संजीवनी क्लीनिक में प्रतिदिन 60 से 70 मरीजों की जांच व परामर्श मिल रहा था, लेकिन ताला जड़ दिए जाने के कारण केंद्र नहीं खुला, जिसके कारण मरीजों को स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल पाया। हैरानी की बात तो यह है कि केंद्र खुले और लोगों को संजीवनी क्लीनिक में उपचार मिले, इस पर किसी ने गंभीरता से ध्यान नहीं दिया। हैरानी की बात है कि इस गंभीर मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सहित अन्य अधिकारियों ने गंभीरता से ध्यान नहीं दिया।

वर्जन

पोर्टल में समस्या होने के कारण समय से किराये का भुगतान नहीं हो पाया। पहले स्टेट का पोर्टल चल रहा था, अब सेंट्रल का पोर्टल चल रहा है, जो कोषालय से जुड़ा है। शहर में 4 संजीवनी क्लीनिक का किराया बाकी है। शीघ्र भुगतान कराने की प्रक्रिया करा रहे हैं।

विनय सोनी, लेखा अधिकारी स्वास्थ्य विभाग।