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किसान ने कलेक्टर से कहा… मुझ जिंदा को बता दिया मृत, कहें तो यहीं मर कर दिखाऊं

समर्थन मूल्य पर धान बेचने के पंजीयन में हुई है गड़बड़ी, सिकमी किसानों को भी कर दिया गया है असत्यापित दर्जनों किसानों ने कलेक्टर को सुना रहे थे समस्या, लेकिन गंभीरता से नहीं दिया गया ध्यान

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कटनी

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Balmeek Pandey

Dec 23, 2025

Katni kisan

Karni kisan

कटनी. समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों की फजीहतें जिले में कम होने का नाम नहीं ले रहीं। एक ओर जहां केंद्र में अधिक वजन लेने, समय पर तौल न होने, स्लॉट समय पर बुक न होने की समस्या है तो वहीं अब यह बात सामने आने लगी है कि जिंदा किसानों को मृत बता दिया गया है। ऐसा ही मामला सोमवार को सामने आया। एक जिंदा किसान को धान के पंजीयन में मृत बता दिया गया है। दुखी किसान कलेक्टर आशीष तिवारी के पास पहुंचा और रुंधे हुए गले से पीड़ा बयां की।
रामभरण विश्वकर्मा निवासी गुरजीकला तहसील रीठी ने लगभग 250 क्विंटल धान समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए पंजीयन कराया था। लेकिन किसान को पंजीयन में मृत बता दिया गया है। किसान को मैसेज पहुंचा है कि ‘किसान पंजीयन क्रमांक 222420009077 की समग्री आइडी मृत किसान की श्रेणी में पाई गई है, खाद्य विभाग के निर्देशानुसार कृपया अपनी समग्र आइडी के लिए सत्यापन के लिए संबंधित तहसीलदार से संपर्क करें’। दस्तावेजों में मृत घोषित करने से किसान हैरान व परेशान हैं।

15 दिन से हूं परेशान...

कलेक्टर आशीष तिवारी से किसान रामभरण ने कहा कि मेरा स्वयं का पंजीयन है, स्लॉट बुक नहीं हो रहा, मैं 15 दिन से परेशान हूं, कहें तो यहीं पर मर कर दिखाऊं। जब किसान ने यह बात कही तो कलेक्टर ने आवेदन डिप्टी कलेक्टर प्रदीप मिश्रा को देते हुए कहा कि जांच करें लें और कार्यालय के अंदर चले गए। वहीं कलेक्टर ने कहा कि समग्र आइडी में जिस जीआरएस ने गड़बड़ी की है उसपर कार्रवाई करें। किसानों ने डिप्टी कलेक्टर से कहा कि जो रजिस्ट्रेशन सिकमीनामा के असत्यापित किए गए हैं, उनमें सुधार के लिए समय दें। किस कारण असत्यापित कर रहे हैं उसका कारण भी अधिकारी किसान को बताएं, जो गलत है उसको सजा दें, लेकिन वाजिब किसानों को परेशान न किया जाए।

सिकमी किसानों के पंजीयन असत्यापित

सिकमी में जमीन लेकर खेती करने वाले किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनके पंजीयन को असत्यापित कर दिया गया है। जिले के सैकड़ों किसान धान के बेचने के लिए परेशान हैं। उनके स्लॉट ही बुक नहीं हो रहे। वे केंद्र प्रभारी, नायब तहसीलदार, तहसीलदार, एसडीएम, खाद्य विभाग के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कहीं पर भी समाधान नहीं हो रहा। इसकी मुख्य वजह यह है कि पंजीयन में फर्जीवाड़े की आशंका को लेकर रोक सिकमी बटाईदार किसानों के धान विक्रय पर रोक लगाई गई थी, लेकिन अबतक समाधान नहीं निकाला गया।

ऐसे समझें किसानों की पीड़ा

राजेश जायसवाल, रजना जायसवाल, अरविंद जायसवाल निवासी लखनवारा ने बताया कि ओमप्रकाश मूलतानी की जमीन सिकमी पर लेकर खेती की है। तीनों पंजीयन में लगभग 4 क्विंटल से अधिक धान बेचनी है, लेकिन उनके पंजीयन को असत्यापित कर दिया गया है।

केस 02

सुभाष यादव निवासी निवार पौनिया ने बताया कि 175 क्विंटल धान बेचने के लिए पंजीयन कराया था। लेकिन स्लॉट बुक नहीं हो रहा। लगभग एक माह से परेशान हैं, लेकिन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी कुछ भी नहीं बता रहे।

केस 04

शुभम लोधी निवासी मोहतरा बाकल ने बताया कि पिता जमीन में खेती की है। इसका सिकमी नामा कराया है। 150 क्विंटल धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है, लेकिन स्लॉट सत्यापित नहीं किया जा रहा, वह कई दिनों से परेशान है। कलेक्ट्रेट में भी सुनवाई नहीं होर ही।

केस 05

सेवाराम कोल निवासी किरहाई पिपरिया ने बताया कि 200 क्विंटल धान बेचना है, लेकिन रकबा पंजीयन असत्यापित कर दिया गया है। कई दिनों तक तहसील कार्यालय के चक्कर काटने के बाद सोमवार को कलेक्टर के पास फरियाद लेकर पहुंचे, लेकिन उनकी पीड़ा को गंभीरता से नहीं सुना गया।

केस 06

रामजी कोल निवासी किरहाई पिपरिया ने कहा कि 250 क्विंटल धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है। वे कई दिनों से स्लॉट बुक करा रहे हैं, लेकिन नहीं हो रहा। केंद्र में जाकर पता किया तो बगैर किसी कारण के पंजीयन असत्यापित कर दिया गया है।

फैक्ट फाइल

- 89 केंद्रों में हो रही समर्थन मूल्य पर धान खरीदी।
- 2369 रुपए प्रति क्विंटल के मान से ली जा रही धान।
- 62588 किसानों ने धान बेचने कराया है पंजीयन।
- 23592 किसानों ने बेची है अबतक धान।
- 202061 मैट्रिक टन हुई है अबतक धान की खरीदी।
- 475000 मैट्रिक टन रखा गया है धान खरीदी का लक्ष्य।
- 31000 मैट्रिक टन शेष है जिलेभर में धान का परिवहन।
- 119611 मैट्रिक टन धान का जारी हुआ है डब्ल्यूएचआर।
- 478.68 करोड़ रुपए में 263.74 करोड़ रुपए है किसानों का बकाया

वर्जन

किसानों ने समस्या बताई है। एक किसान को मृत बता दिया गया है। कई किसानों ने बताया है कि उनके पंजीयन को असत्यापित कर दिया गया है। इस मामले की जांच कराई जा रही है। जांच में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसानों को धान बेचने में किसी भी प्रकार की समस्या न हो, यह व्यवस्था सुनिश्चत की जा रही है।

आशीष तिवारी, कलेक्टर।