कटनी—जबलपुर, सतना, शहडोल मार्ग पर बेतरतीब पार्किंग, शहर तक फैली मनमानी
कटनी. अगर आप रात में हाइवे पर वाहन चला रहे हैं तो जरा भी असावधानी जानलेवा साबित हो सकती है, क्योंकि कटनी से गुजरने वाले प्रमुख राष्ट्रीय व राज्य मार्गों पर बेतरतीब तरीके से खड़े ट्रक दुर्घटनाओं का बड़ा कारण बन रहे हैं। कटनी-जबलपुर, कटनी-सतना और कटनी-शहडोल मार्ग पर सैकड़ों ढाबे संचालित होते हैं, जहां दिन-रात ट्रकों की लंबी कतारें सडक़ किनारे खड़ी रहती हैं। यातायात नियमों के अनुसार हाइवे पर सडक़ से सटी पार्किंग पूरी तरह प्रतिबंधित है, लेकिन मौके पर स्थिति पूरी तरह उलट है। जानकारी के अनुसार कटनी-जबलपुर मार्ग पर बाइपास के पास दिन से ज्यादा रात में हालत गंभीर हो जाती है। ढाबों के सामने ट्रक आड़े-तिरछे खड़े रहते हैं, जिससे वाहनों के लिए सडक़ का आधा हिस्सा ही बचता है। यह स्थिति सिर्फ एक मार्ग की नहीं है, बल्कि कटनी-सतना व कटनी-शहडोल के अधिकांश हिस्सों में भी यही हाल है। चाका से जबलपुर बाइपास तक भी भारी वाहनों का कब्जा देखने को मिलता है। यहां भी ट्रक चालक सडक़ किनारे खड़े होकर न केवल ट्रैफिक बाधित करते हैं बल्कि कई बार जाम जैसी स्थिति भी बना देते हैं।
रात में तेज रफ्तार से आने वाले वाहन अचानक खड़े ट्रकों से टकरा जाते हैं। कई बार चालक को ट्रक का कोई संकेत तक नजर नहीं आता, क्योंकि इन्हें खड़ा करते समय न पार्किंग लाइट जलाई जाती है, न पीछे रेडियम संकेत लगाए जाते हैं। यही वजह है कि पिछले कुछ महीनों में ढाबों के आसपास कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन आज तक किसी कठोर कार्रवाई की मिसाल नहीं बनी।
-ट्रकों की बिना पार्किंग लाइट के खड़ी कतारें
-रेडियम स्टिकर या चेतावनी संकेतों का अभाव
-ढाबों पर अत्यधिक भीड़ और बेतरतीब पार्किंग
यातायात व्यवस्था के अनुसार संबंधित थानों के पुलिसकर्मियों को हाईवे मार्गों पर दिन-रात नियमित गश्त करनी चाहिए लेकिन हकीकत यह है कि पुलिस की मौजूदगी अक्सर दिखाई ही नहीं देती। ग्रामीणों व राहगीरों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी रहती है। ट्रक चालक अपनी सुविधा के लिए ढाबों के सामने वाहन खड़े कर देते हैं और पूरा जोखिम दूसरे वाहन चालकों पर छोड़ देते हैं।
हाईवे पर खड़े ट्रकों की बेतरतीब पार्किंग न सिर्फ यातायात नियमों का उल्लंघन है, बल्कि लोगों की जान को खतरे में डालने वाली गंभीर लापरवाही भी है। प्रशासन नियमित कार्रवाई का दावा करता है, लेकिन वास्तविक स्थिति इसके विपरीत है। जरूरत है कि विभाग और पुलिस मिलकर ऐसे वाहनों पर लगाम कसें, ताकि हाइवे सुरक्षित बन सके और शहर में भी ट्रैफिक व्यवस्थित हो सके।
सडक़ किनारे खड़े ट्रकों की समस्या केवल हाईवे तक सीमित नहीं है। शहर के अंदर भी ट्रकों की मनमानी पार्किंग से स्थानीय लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। पन्ना मोड़ से लेकर चाका तक रोजाना आधा सैकड़ा से अधिक ट्रक सडक़ के किनारे खड़े कर दिए जाते हैं। इनमें कुछ ट्रक मैकेनिक दुकानों के बाहर मरम्मत के बहाने खड़े रहते हैं, जबकि कुछ चालक सडक़ किनारे ही स्थायी पार्किंग बना लेते हैं। इससे सडक़ संकरी हो जाती है, ट्रैफिक बाधित होता है और कई बार छोटे वाहन ट्रकों से टकरा जाते हैं।