कटनी

दो साल बाद भी धरातल पर नहीं उतर पाई योजना, कटनी से जबलपुर व रीवा के लिए चलनी हैं चार इलेक्ट्रिक बसें

चार्जिंग स्टेशन निर्माण नहीं हुआ शुरू, ऑपरेटर द्वारा 18 लाख रुपए की नहीं जमा कर गई परफारमेंट गारंटी राशि

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Sep 02, 2025
Negligence in starting electric bus

कटनी. नगर निगम द्वारा शहर में इलेक्ट्रिक बसें चलाने की महत्वाकांक्षी योजना दीन दयाल सिटी बस योजना के तहत शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य आमजन को बेहतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट उपलब्ध कराना और शहर को प्रदूषण से राहत दिलाना था। लेकिन अफसरों की लापरवाही और जनप्रतिनिधियों की बेपरवाही के चलते यह प्रोजेक्ट अब तक फाइलों से बाहर नहीं निकल पाया है। दो साल का समय बीत जाने के बाद भी योजना धरातल पर नहीं उतर सकी है।
बस संचालन के लिए शोलो बस दिल्ली को टेंडर दिया गया है। इसके तहत दो बसें कटनी से जबलपुर और दो बसें कटनी से रीवा तक फर्राटा भरनी थीं। 19 फरवरी को टेंडर प्रक्रिया पूरी हुई और 24 जुलाई को राज्य स्तरीय तकनीकी समिति (एसएलटीसी) से स्वीकृति भी मिल गई। इसके बाद भी सात माह बीत चुके हैं और बसें अब तक सडक़ों पर नहीं उतरीं। अब सवाल यही है कि जब योजना को मंजूरी, सब्सिडी और टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, तब भी जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण आम जनता इस सुविधा से क्यों वंचित है और कब तक इलेक्ट्रिक बसें सडक़ों पर उतरकर यात्रियों को राहत देंगी, यह देखने वाला कोई धनीधोरी नहीं है।

चार्जिंग स्टेशन की फाइल अटकी

इलेक्ट्रिक बस संचालन के लिए झिंझरी में चार्जिंग स्टेशन बनाया जाना है। 29 जुलाई को दर स्वीकति (एलओआई) भी मिल गई, लेकिन इसके बाद भी निर्माण की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई। चार्जिंग स्टेशन न बनने से बसें खड़ी-खड़ी धूल खा रही हैं। निगम की कार्यशैली सवालों के घेरे में है कि आखिर स्वीकृति के बाद भी फाइलें क्यों ठंडी पड़ी हैं।

ऑपरेटर ने गारंटी राशि नहीं जमा की

बसों का संचालन करने वाली कंपनी को 18 लाख रुपए परफॉर्मेंस गारंटी राशि जमा करनी थी, लेकिन अब तक राशि जमा नहीं की गई। यह स्थिति तब है जबकि कंपनी को प्रत्येक बस पर 40 प्रतिशत सब्सिडी मिलनी है। योजना में कुल खर्च करीब 6 करोड़ रुपए है, जिसमें से एक बस की लागत 1.50 करोड़ रुपए होगी।

जिम्मेदारों पर उठ रहे सवाल

योजना को लेकर नगर निगम अधिकारी और जनप्रतिनिधि दोनों ही गंभीर नहीं दिख रहे। जनता की सुविधा और शहर के विकास से जुड़ी यह योजना सिर्फ कागजों में सीमित होकर रह गई है। बढ़ते प्रदूषण और यात्री सुविधाओं की कमी के बावजूद बसों का संचालन न होना प्रशासनिक उदासीनता को दर्शाता है।

फैक्ट फाइल

  • 04 बसों के चलाए जाने की है योजना
  • 2 कटनी-जबलपुर, 2 कटनी-रीवा मार्ग पर होगा संचालन
  • 1.50 करोड़ रुपए है प्रति बस की लागत
  • 6 करोड़ रुपए से खरीदी जानी हैं इलेक्ट्रिक बसें40 प्रतिशत प्रति बस ऑपरेटर को मिलनी है सब्सिडी18 लाख रुपए परफॉर्मेंस गारंटी राशि होनी है जमा

इलेक्ट्रिक बसों के फायदे

पर्यावरण हितैषी: डीजल-पेट्रोल से चलने वाली बसों की तुलना में इलेक्ट्रिक बसें शून्य प्रदूषण फैलाती हैं।
कम खर्चीली यात्रा: यात्रियों को सस्ती दरों पर सफर का विकल्प मिलेगा।
ध्वनि प्रदूषण में कमी: इलेक्ट्रिक बसें शोर रहित चलती हैं, जिससे शहर में ध्वनि प्रदूषण घटेगा।
ऊर्जा की बचत: डीजल की खपत कम होगी और ऊर्जा का बेहतर उपयोग होगा।
आधुनिक परिवहन सुविधा: यात्रियों को सुगम, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा मिलेगी।

वर्जन
4 इलेक्ट्रिक बसें बसें जबलपुर, रीवा तक चलाने के लिए प्रक्रिया चल रही है। टेंडर भी हो गया है। एसएलटीसी से स्वीकृति मिल चुकी है। चार्चिंग स्टेशन निर्माण के लिए प्रक्रिया चल रही है। शीघ्र ही बसों के संचालन की संपूर्ण प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी।
योगेश पवार, सीओओ, सिटी बस योजना।

Published on:
02 Sept 2025 07:59 am
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