कटनी

घर में घुसकर महिला महिला से छेड़छाड़ का आरोप, पुलिस ने नहीं लिखी रिपोर्ट

पीडि़ता ने कहा कि 4 घंटे बैठाए रखा, सुबह बुलाया फिर उल्टा पति पर दर्ज कर दी एफआईआर, माधवनगर थाना पुलिस की गंभीर लापरवाही उजागर

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Nov 29, 2025
Wazirganj Police Case (फोटो सोर्स : Police Whatsapp News Group )

कटनी. माधवनगर थाना क्षेत्र में एक 28 वर्षीय महिला द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों ने पुलिस कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। महिला आरोप अनुसार उसके साथ घर में घुसकर आबरू लूटने का दुस्साहस एक अधिवक्ता द्वारा किया गया। छेड़छाड़ की घटना हुई, लेकिन थाने में न तो उसकी रिपोर्ट दर्ज की गई, ना ही महिला थाने में समय रहते कार्रवाई की गई। उल्टा आरोपी की शिकायत पर महिला के पति पर एफआईआर दर्ज कर दी गई। हालांकि इस पूरे मामले को पैतृक जमीन के चल रहे विवाद से भी जोडकऱ देखा जा रहा है।
अमीरगंज निवासी पीडि़त महिला ने बताया कि बुधवार शाम वह घर पर अकेली थी। इसी दौरान पास में रहने वाला एक अधेड़ व्यक्ति जबरदस्ती घर में घुस आया। महिला के अनुसार आरोपी ने उसे पकडकऱ पटक दिया, उसके कपड़े उतारने की कोशिश की और जबरदस्ती करने लगा। चीख-पुकार सुनकर महिला का पति घर पहुंचा। दंपती ने मिलकर आरोपी के हाथ-पैर बांधे और पुलिस को सूचना दी। इसके बाद आरोपी को पकडकऱ थाने ले जाया गया।

थाने में महिला को रात 10 बजे तक बैठाए रखा

पीडि़त महिला का आरोप है कि घटना के बाद वह रात 7 बजे से 10 बजे तक माधवनगर थाने में बैठी रही। महिला का कहना है कि मुझे कहा गया कि महिला अधिकारी नहीं है, इसलिए रिपोर्ट नहीं लिखी जाएगी। फिर सुबह आने को कहकर घर भेज दिया गया। गुरुवार सुबह जब वह फिर पति के साथ थाने पहुंची, तो दो घंटे बैठाने के बाद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। पीडि़ता ने कहा कि महिला थाने में भी कोई सुनवाई नहीं हुई। पति ने आरोप लगाया कि माधवनगर पुलिस थाने में घंटों बैठाए रखा, रिपोर्ट नहीं लिखी। सुबह आने पर फिर बैठाया गया। रिपोर्ट दर्ज करने से साफ मना कर दिया गया। पीडि़ता ने कहा कि जिस व्यक्ति ने उसके साथ छेड़छाड़ की, उसी की शिकायत पर पुलिस ने उल्टा उसके पति पर झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया। महिला ने कहा अगर मुझे न्याय नहीं मिला, तो मेरे पास जान देने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। उसने आरोप लगाया कि पुलिस ने आरोपी से मिलकर मामला दबाने की कोशिश की।

पुलिस कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

मामले में छेड़छाड़ जैसी गंभीर धारा में तत्काल एफआईआर नहीं होना, पीडि़ता को रात तक थाने में बैठाए रखना, महिला अधिकारी के अभाव का बहाना बनाकर टालमटोल, और उल्टा पीडि़त पक्ष पर मुकदमा दर्ज करना पुलिस की बड़ी लापरवाही को दर्शाता है। स्थानीय लोगों व सामाजिक संगठनों ने मामले की उच्चस्तरीय जांच और पीडि़ता को न्याय दिलाने की मांग की है वहीं जिले के अफसरों की निगरानी पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। हालांकि पुलिस का कहना है कि दोनों पक्षों के बीच जमीनी विवाद चल रहा है। घर में पुताई चल रही थी। अधिवक्ता गया तो मजदूर से काम रुकवा दिया व उसे मार दिया तो विवाद बढ़ गया। घर वाले अधिवक्ता को अंदर घसीटकर ले गए और बंधक बना लिया। दबाव बनाने के लिए महिला बेवजह के आरोप लगा रही है।

वर्जन
वकील को घर वालों ने अंदर कर बांध दिया था, वकील की शिकायत पर मुकदमा कायम कर दिया गया है। महिला ने जो शिकायत की है उसकी जांच की जा रही है।
संजय दुबे, थाना प्रभारी माधवनगर।

वर्जन
इस पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। दोनों पक्षों में कई दिनों से जमीन विवाद चलने की बात सामने आई है। दबाव बनाने के लिए अधिवक्ता पर आरोप लगाए गए हैं। उसे बंधक भी बना लिया था। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, आगे की कार्रवाई की जाएगी।
संतोष डेहरिया, एएसपी।

Published on:
29 Nov 2025 08:38 pm
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