शेष बचे 166 भूखंडों को नो प्रॉफिट-नो लॉस के तहत आवंटित कराए जाने चल रही थी पैरवी, नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने निविदा आमंत्रण के साथ करने दिए आदेश, 14 साल पहले हो गया था आवंटन, 1983-84 में बनी थी ट्र्रांसपोर्ट नगर योजना, 42 साल बाद भी अधर में योजना
कटनी. शहर में संचालित होने वाले ट्रांसपोर्ट कारोबार को शहर के बाहर पुरैनी में शिफ्ट करने के लिए 42 साल पहले योजना बनी। 2010 से 12 के बीच में 266 भूखंड तय कर कारोबारियों को प्लाटों के आवंटन की प्रक्रिया हुई, लेकिन 1983 से अबतक ट्रांसपोर्ट कारोबार शिफ्ट नहीं हो पाया। हकीकत यह है कि अबतक सिर्फ 73 लोग ही यहां पर नक्शा पास कराकर बिल्डिंग बना रहे हैं व 28 लोगों निर्माण पूरे किए हैं। इन सबके बीच शेष बचे 115 भू-खंडों को नगर निगम द्वारा आवंटित करने के लिए बार-बार नगरीय प्रशासन विभाग को पत्र लिखकर पूर्व की भांति नो-प्रॉफिट, नो-लॉस की तर्ज पर आवंटन की पैरवी की जा रही थी, लेकिन अब विभाग ने नगर निगम की कार्रवाई को नियम संगत न पाते हुए कारोबारियों की सूची 2010 में मंत्री परिषद से स्वीकृत हुई सूची से नाम अलग पाए जाने के कारण रियायदी दर में प्लाट आवंटन न करने के आदेश दिए हैं, इससे नगर निगम के महकमे व राजनीति गलियारों में हलचल मच गई है।
नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा 3 सितंबर को नगर निगम आयुक्त को पत्र क्रमांक यूडीएच/2/0281/2025/18-3 जारी किया गया है। उल्लेख किया गया है कि नगर निगम के पत्र 24 दिसंबर 2018, 5 फरवरी 19 एवं 16 दिसंबर 21 जारी कर यह मांग रखी गई है कि चिन्हित 115 नवीन ट्रांसपोर्टरों को ना लाभ ना हानि के अंतर्गत भूखंड आवंटित किए जाएं। 2010 में 29 सितंबर को मंत्री परिषस से स्वीकृति के बाद 266 लोगों को 158 रुपए प्रति वर्गफीट के मान से आवंटित करने का आदेश जारी किया गया था। 114 को तो आवंटन की प्रक्रिया हो गई है, लेकिन 19 की लीज निरस्त कर दी गई है। वर्तमान में 95 को ही नवीन ट्रांसपोर्ट नगर पुरैनी में भूखंड आवंटित हैं। नवीन चिन्हित 115 ट्रांसपोर्टरों में 2010 की 266 वाली सूची में शामिल नहीं हैं। बगैर स्वीकृति के रियायत दर पर भूखंड आवंटित सही नहीं है।
नगरीय प्रशासन विभाग के आदेश में कहा गया है कि निविदा आमंत्रण कर ही भूखंडों का आवंटन किया जाए। प्लाटों के आवंटन के लिए मप्र नगर पालिका (अचल संपत्ति अंतरण) नियम 2016 के अंतर्गत कार्रवाई करने कहा गया है। यह आदेश आरके कार्तिकेय उप सचिव मप्र शासन नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा जारी किया गया है।
2010 में पुरैनी में ट्रांसपोर्ट कारोबार के लिए प्लाटों का आवंटन हो चुका है, लेकिन अबतक कारोबार शिफ्ट नहीं कराया गया। जो भी महापौर इस बीच में चुनकर आया, उनके द्वारा बड़े-बड़े दावे और वादे किए गए, लेकिन अबतक योजना धरातल पर नहीं उतरी। वर्तमान नगर सरकार ने भी कुछ माह में ट्रांसपोर्ट नगर शिफ्ट करने की बात कही थी, लेकिन तीन साल से अधिक का वक्त बीत गया, लेकिन दृढ़ इच्छाशक्ति की कमी के कारण ट्रांसपोर्ट नगर शिफ्ट नहीं हो पाया। आलम यह है कि शहर में चल रहे मनमाने कारोबार से हर दिन जनता त्रस्त है और नगर निगम के अफसर सुस्त हैं व जनप्रतिनिधि गंभीरता से ध्यान नहीं दे रहे। 42 वर्षों से अधिक समय से शहर की जनता दर्द भुगत रही है, लेकिन जिम्मेदारों की बेदर्दी और भी पीड़ा बढ़ा रही है।
वर्जन
ट्रांसपोर्ट नगर को लेकर विभाग द्वारा कुछ निर्देश प्राप्त हुए हैं, उसका अध्ययन किया जा रहा है। 95 कारोबारियों में से 93 ने नक्शे पास कराकर निर्माण तेजी से शुरू किए हैं, 28 कारोबारियों ने निर्माण कर लिए हैं। शीघ्र आवंटन व निर्माण की प्रक्रिया पूरी कराते हुए कारोबारियों को पुरैनी में शिफ्ट करने पहल की जाएगी।
नीलेश दुबे, आयुक्त नगर निगम।