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Indian Railway: कटनी-बीना रेलखंड पर इरकॉन ने कर दी बड़ी गलती!, जांच शुरू

Indian Railway: हरदुआ स्टेशन की बिल्डिंग स्टेशन के मध्य में न बनाकर एक तरफ बना दी गई है। बताया जा रहा है कि स्टार्टर सिग्नल हरदुआ की तरफ होना चाहिए, लेकिन यह सिग्नल बिल्डिंग के पहले ही पड़ जा रहा है।

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Aug 07, 2024
Wrong construction of Majhgawan railway station

Indian Railway: कटनी-बीना रेलखंड में मुड़वारा स्टेशन से लगभग तीन किलोमीटर दूरी पर मझगवां स्टेशन का निर्माण कराया गया है। इसकी मुख्य वजह यह है कि देश का जो सबसे लंबा ग्रेड सेपरेटर बन रहा है वह झलवारा से पुराने मझगवां स्टेशन तक बन रहा है, इसलिए स्टेशन को दो किलोमीटर पहले कुछ माह पहले शिफ्ट किया गया है। करोड़ों रुपए की लागत से यहां पर बिल्डिंग का निर्माण इरकॉन द्वारा किया गया है। इस स्टेशन के शिफ्टिंग में बड़ी विसंगति सामने आई है। रेलवे अफसरों की अनदेखी के कारण सर्वे के अनुसार बिल्डिंग नहीं बनाई गई।


जानकारी के अनुसार हरदुआ स्टेशन की बिल्डिंग स्टेशन के मध्य में न बनाकर एक तरफ बना दी गई है। बताया जा रहा है कि स्टार्टर सिग्नल हरदुआ की तरफ होना चाहिए, लेकिन यह सिग्नल बिल्डिंग के पहले ही पड़ जा रहा है। ऐसे में जब स्टेशन मास्टर गाड़ी के निकलने पर सिग्नल एक्सचेंज करता है, तो वहां बैक की स्थिति बन रही है। यहां पर असमंजस की स्थिति आ बन रही है। स्टेशन मास्टर पैनल बीडीयू (कम्प्यूटराइज्ड ऑपरेशन) सिस्टम में क्लिक करते ही सिग्नल दिए जा रहे हैं। स्टेशन की बिल्डिंग मध्य में नहीं बनाई गई। कुछ माह पहले हुए एक हादसे की जांच के बाद बिल्डिंग के गलत निर्माण की बात सामने आ रही है। इसको लेकर रेलवे के अधिकारी हैरान-परेशान हैं।

इस घटना के बाद सामने आई खामी

एक गाड़ी चालक ने सिग्नल का अनदेखा कर दिया। यह घटना अप्रेल में सामने आई। चालक ने कहा कि स्टेशन एक साइड बना है, इसलिए ध्यान नहीं दिया, उनको लगा कि सिग्नल आगे होगा, फिर वॉकी-टॉकी से ट्रेन को रोका गया। इस मामले में वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक, वरिष्ठ मंडल सुरक्षा अधिकारी, वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर लोको द्वारा जांच रिपोर्ट बनाई गई है, इसमें सेफ्टी डिपार्टमेंट ने भी निर्माण पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

यह हो रहा नुकसान

रेलवे की मानें तो सभी जगह स्टेशन बिल्डिंग यार्ड के बीच में बनाई जाती है, ताकि दोनों तरफ गार्ड, पायलट के पास सिग्नल देना है, एथॉरिटी देना है तो आसानी से पहुंच सके, एक तरफ होने से आधे घंटे का समय लगता है। असामान्य स्थिति होने पर समस्या होगी। इसके अलावा गार्ड या चालक को कोई समस्या बतानी है तो लगभग आधा किलोमीटर से अधिक पैदल जाकर बतानी पड़ेगी, जिसमें समय की बर्बादी होगी।

स्टेशन चालू होने पर होगी परेशानी

निकट भविष्य में मझगवां रेलवे स्टेशन यात्रियों के लिए भी चालू कराया जाएगा। इस पर यात्रियों को बड़ी परेशानी होगी। टिकट जब मिलना शुरू हो जाएगी और ट्रेनों का ठहराव होगा तो यात्री स्टेशन बिल्डिंग में बने काउंटर से टिकट लेगा और फिर आधा किलोमीटर दूर ट्रेन को पकडऩे जाएगा। ऐसे में ट्रेन के छूटने के साथ उसको पैदल चलने में परेशानी होगी।

बताई जा रही इरकॉन की गलती

मझगवां स्टेशन में वन-साइडेड स्टेशन की बिल्डिंग का निर्माण इरकॉन के द्वारा कराया गया है। इरकॉन रेलवे की निर्माण संस्था है, जिनके अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया है। रेल सूत्रों की मानें तो इरकॉन के द्वारा बगैर ठीक से सोचे-समझे ही बिल्डिंग बना दी गई, लेकिन रेलवे के अधिकारियों ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया।

यह है इस लाइन का ट्रैफिक

जानकारी के अनुसार कटनी-बीना रेलखंड पर प्रतिदिन 100 ट्रेनों का परिचालन होता है। यहां पर लगभग 50 से 60 मालगाड़ी, 50 से अधिक यात्री ट्रेनों का आवागमन होता है। कई बार गुड्स ट्रेनों की संख्या भी बढ़ जाती है।

इनके द्वारा की जा रही जांच

जानकारी के अनुसार इस मामले में कई लोगों के द्वारा जांच की जा रही है, सार्जशीट के अनुसार उनको रिपोर्ट सौंपनी है। इसमें चालक, गार्ड, स्टेशन मास्टर, जबलपुर कंट्रोल सहित अन्य अधिकारी शामिल हैं।

समस्या समाधान के लिए ही फूंके जा रहे अरबों रुपए

कटनी-बिलासपुर, कटनी-बीना लाइन सबसे व्यस्त लाइन हैं। इसमें रेल यातायात दबाव कम करने के लिए थर्ड लाइन का विस्तार पश्चिम मध्य रेलवे द्वारा कराया जा रहा है। इसमें अरबों रुपए फूंके जा रहे हैं, इसके बाद भी सभी निर्माण पर ध्यान नहीं दिया गया।


यह मामला मेरे संज्ञान में है। पायलट की गलती से ट्रेन रेड सिग्नल पार कर चली गई थी। मामले की जांच कराई जा रही है। यह बात सही है कि बिल्डिंग वन-साइडेड बन गई है। शायद यह स्थिति समय पर जमीन अधिग्रहित न हो पाने के कारण बनी है। इस समस्या का अब क्या समाधान हो सकता है, इस पर चर्चा चल रही है। रेल यातायात बाधित न हो, इसे प्रमुखता से ध्यान दिया जाएगा। शीघ्र ही इस संबंध में उचित निर्णय लिया जाएगा।
-विवेकशील, डीआरएम।

Updated on:
08 Aug 2024 08:18 pm
Published on:
07 Aug 2024 09:08 pm
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