Dev Uthani Ekadashi 2024: कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली दूसरी एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है। इस बार देवउठनी एकादशी का व्रत 12 नवंबर को रखा जाएगा।
Dev Uthani Ekadashi 2024: नवंबर माह हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहेगा। इस महीने में छठ, देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह जैसे प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा सहित पवित्र नदियों में स्नान का अत्यधिक महत्व है। नवंबर में व्रत, त्योहार और समारोहों की भव्यता से चिह्नित है। इसके अलावा नवंबर में कई महत्वपूर्ण ग्रह गोचर भी हो रहे हैं जो इस महीने को धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से खास बनाते हैं।
दिपावली के बाद अब 7 नवंबर को छठ पूजा है। यह बेहद कठिन व्रत होता है जिसे मुख्यता बिहार की महिलाएं ही रखती हैं। चूंकि प्रदेश में भी बिहार और उत्तर प्रदेश के प्रवासी निवासरत तो यहां भी छठ पूजा का महत्व बढ़ चुका है। मुख्य रुप से रायपुर, बिलासपुर और भिलाई-दुर्ग में अधिक संख्या में व्रत रहती हैं। इसके बाद देवउठनी एकादशी 12 नवंबर को मनाई जाएगी। इसे देवोत्थान एकादशी या प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
यह पर्व भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु चार माह की योगनिद्रा के बाद जागृत होते हैं। देवउठनी एकादशी तिथि से सभी प्रकार के मांगलिक कार्य किए जाते हैं। इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु की भक्ति भाव से पूजा की जाती है।
13 नवंबर को तुलसी विवाह का आयोजन किया जाएगा। हिंदू धर्म में तुलसी पूजा का दिन विशेष महत्व रखता है। इस दिन तुलसी माता का विवाह भगवान शालिग्राम के साथ संपन्न करवाया जाता है। इससे साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। इसके चलते ही हर घर में तुलसी की पूजा की जाती है।
इस माह 7 नवंबर को छठ पूजा षष्टी और 8 नवंबर छठ पूजा उषा अर्ध्य है। वहीं 9 नवंबर गोपाष्टमी दुर्गाष्टमी व्रत, 10 नवंबर अक्षय नवमी, 12 नवंबर देवउठनी एकादशी, 13 नवंबर प्रदोष व्रत तुलसी विवाह, 15 नवंबर कार्तिक, पूूर्णिमा देव दिवाली सत्यनारायण व्रत, 16 नवंबर वृश्चिक संक्रांति, 17 नवंबर रोहिणी व्रत, 18 नवंबर संकष्टी गणेश चतुर्थी, 22 नवंबर कालभैरव जयंती, 23 नवंबर कालाष्टमी, 26 नवंबर उत्पन्ना एकादशी, 28 नवंबर प्रदोष व्रत और 29 नवंबर को मासिक शिवरात्रि रहेगी।