Shiv Mahapuran Katha: पंडित प्रदीप मिश्रा ने हजारों श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि ईश्वर सदैव मानव कल्याण के लिए किसी न किसी रूप में धरती पर अवतरित होते हैं।
Shiv Mahapuran Katha: कवर्धा जिला मुख्यालय से सटे ग्राम ग्राम घुघरीखुर्द में आयोजित पांच दिवसीय शिवमहापुराण कथा को सुनने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। कथा स्थल तक पहुंचने के लिए कई श्रद्धालु दूर-दूर से पैदल यात्रा कर आ रहे हैं फिर भी उनके उत्साह और भक्ति में कोई कमी नहीं दिख रही।
शिवमहापुराण कथा की पवित्र धारा से इन दिनों कवर्धा क्षेत्र श्रद्धा और भक्ति के रंग में रंगा हुआ है। कथा के दूसरे दिन प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने हजारों श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि ईश्वर सदैव मानव कल्याण के लिए किसी न किसी रूप में धरती पर अवतरित होते हैं। वे अपने मूल रूप में नहीं आते, बल्कि किसी माध्यम से हमारे पास पहुँचते हैं।
उन्होंने कहा कि शिवपुराण, श्रीमद्भागवत और अन्य सभी शास्त्र हमें ईश्वर की पहचान कराते हैं, उनके स्वरूप और मार्ग को समझने का बोध कराते हैं। पं. मिश्रा ने कहा कि हम ईश्वर को भले न जान पाएं लेकिन इतना भजन, स्मरण और जप करें कि ईश्वर हमें पहचान लें कि यह मेरा भक्त है, जो मुझे पुकारता है। उन्होंने मां शबरी और मातंग ऋषि के प्रसंग का उदाहरण देते हुए बताया कि भक्ति की सच्ची भावना ही भगवान तक पहुँचने का सबसे सरल मार्ग है।
प्रवचन के दौरान उन्होंने कहा कि पूरे देश में केवल छत्तीसगढ़ ऐसा प्रदेश है जिसे छत्तीसगढ़ महतारी के नाम से जाना जाता है। मां का स्वभाव होता है कि वह अपने सभी बच्चों से समान प्रेम करती है। इसी तरह छत्तीसगढ़ की धरती भी अपने हर नागरिक को स्नेह और न्याय देती है।