कोलकाता

अधीर चौधरी बंगाल में भाजपा के एजेंट, नहीं दे कांग्रेस को वोट : अभिषेक

बहरामपुर में इस बार तृणमूल की लड़ाई कांग्रेस से नहीं है, बल्कि भाजपा से है। अधीर चौधरी इस बार भाजपा के 'डमी कैंडिडेट' हैं। ऐसा दावा तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने गुरुवार को किया। बहरामपुर में रोड-शो के बाद एक भाषण में उन्होंने यह बात कही।

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Abhishek and yushuf pathan

उनकी वजह से बंगाल में नहीं हुआ इंडिया का गठबंधन

कोलकाता . बहरामपुर में इस बार तृणमूल की लड़ाई कांग्रेस से नहीं है, बल्कि भाजपा से है। अधीर चौधरी इस बार भाजपा के 'डमी कैंडिडेट' हैं। ऐसा दावा तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने गुरुवार को किया। बहरामपुर में रोड-शो के बाद एक भाषण में उन्होंने यह बात कही।
लंबे समय से तृणमूल यह दावा कर रही है कि अधीर भाजपा के 'एजेंट' हैं। अपने दावे को सही साबित करने के लिए अभिषेक ने दो ऑडियो कैसेट चलाया। इसके बाद अभिषेक ने कहा कि अधीर का भाजपा के साथ सेटिंग हो गई है। वे खुद अपना वोट भाजपा को देने वाले हैं। इस स्थिति में आप अपना वोट कांग्रेस को देखकर क्यों बर्बाद करना चाहते हैं।
बहरामपुर में चौथे चरण का मतदान 13 मई को होगा। अभिषेक ने बुधवार को वहां तृणमूल के प्रत्याशी यूसुफ पठान के समर्थन में रोड-शो किया। रोड-शो के अंत में अभिषेक ने दावा किया कि इस बार बहरामपुर की जनता ने तय कर लिया है कि अधीर को संसद में नहीं भेजेंगे। बहरामपुर में यूसुफ ढाई लाख से ज्यादा वोटों से जीतेंगे। संभावना है कि अधीर चौधरी तीसरे स्थान पर रहे। अभिषेक का आरोप है कि अधीर को कभी भी भाजपा के खिलाफ उस तरह से सामने आते नहीं देखा गया है, जिस तरह से राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल ने 'केंद्रीय वंचना' को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार का विरोध किया है। इसके उलट अधीर ने भाजपा के हाथ मजबूत किये हैं। अभिषेक के शब्दों में, "जब राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी गठबंधन को कैसे मजबूत किया जाए, इस पर ममता बनर्जी, राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खडग़े पटना, बेंगलुरु, दिल्ली में बैठकें कर रहे थे तब अधीर ने लगातार ममता बनर्जी पर हमला बोला। जिससे भाजपा का हाथ मजबूत हुआ। अभिषेक का दावा है कि पश्चिम बंगाल में विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के तहत चुनाव न लडऩे की सबसे बड़ी वजह अधीर हैं। अभिषेक ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को भी अधीर की गतिविधियों की जानकारी दी है।

यह है ऑडियो क्लिप में

अभिषेक ने जो दो ऑडियो क्लिप चलाए उनमें से एक की आवाज यह कहते हुए सुनी जा सकती है, ''तृणमूल के बजाय भाजपा को वोट देना बेहतर है।'' अभिषेक का दावा है कि अधीर ने खुद एक बैठक में यह टिप्पणी की थी। हाल ही में एक वीडियो सामने आया था। वहां अधीर को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ''तृणमूल को वोट देने से बेहतर भाजपा को वोट देना उचित होगा।'' हालांकि बाद में अधीर ने कहा कि राज्य पुलिस ने अधीर के भाषण के वायरल वीडियो को 'विकृत' कर दिया है। बुधवार को अभिषेक ने एक और ऑडियो चलाया। उस ऑडियो को सुनने के बाद तृणमूल ं का दावा है कि अधीर ने पिछले दिनों कहा था कि अगर कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जाता है, तो वे खुद वोट देने के लिए कतार में सबसे पहले होंगे। अभिजीत इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार हैं। वे तमलुक से चुनाव लड़ रहे हैं। अधीर जो चाहते थे वह हुआ है।

सीबीआइ ने क्यों नहीं की कार्रवाई

अधीर के साथ बीजेपी की सेटिंग के सवाल पर अभिषेक ने कहा सारदा मामले में नाम आने के बाद भी अधीर को सीबीआइ ने अभी तक क्यों नहीं बुलाया? उनके शब्दों में, ''सीबीआइ, ईडी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी तक को तलब किया है, लेकिन अधीर को फोन तक क्यों नहीं किया? जबकि सुदीप्त सेन ने उनका नाम भी लिया है। उसके बाद भी सीबीआइ, ईडी चुप क्यों हैं? यह सेटिंग्स नहीं तो क्या हैं?

Published on:
08 May 2024 08:43 pm
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