CG Coal News: कोरबा जिले में एसईसीएल की कोरबा एरिया के अंतर्गत मानिकपुर में ओपनकास्ट कोयला खदान का संचालन किया जा रहा है।
CG Coal News: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एसईसीएल की कोरबा एरिया के अंतर्गत मानिकपुर में ओपनकास्ट कोयला खदान का संचालन किया जा रहा है। इस खदान में कोयला उत्पादन शत् प्रतिशत आउट सोर्सिंग कंपनियों के हवाले है। पिछले तीन दिन से ठेका कंपनी कलिंगा कोल माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के ड्राइवर और अन्य मजदूर हड़ताल पर हैं।
बिना सूचना अचानक हुई इस हड़ताल से कोयला कंपनी का प्रबंधन परेशान है। प्रबंधन को रोजाना लाखों रूपए का नुकसान हो रहा है, लेकिन इस समस्या का समाधान अभी तक नहीं निकल सका है।
बताया जाता है कि कलिंगा कोल कंपनी के ड्राइवर और अन्य मजदूर छुट्टी की राशि मांग रहे हैं। कंपनी में ऐसे कई मजदूर हैं जिन्होंने महीने में 26 दिन पूरा ड्यूटी नहीं किया है, लेकिन मजदूर अनुपस्थित अवधि के दौरान सीएल देने की मांग कलिंगा कोल कंपनी से कर रहे हैं। साथ ही ठेका कंपनी से इंसेंटिव भी मांग रहे हैं। इसे लेकर 10 नवंबर से मजदूर हड़ताल पर हैं। बुधवार को भी हड़ताली मजदूरों को समझा-बुझाकर प्रबंधन ने काम पर लाने की कोशिश की लेकिन कामयाबी नहीं मिली।
इधर एसईसीएल मानिकपुर एरिया के प्रबंधन की ओर से बताया गया है कि दिवाली से एक दिन पहले 30 अक्टूबर को खदान में काम करने वाले ठेका कंपनी के सभी मजदूरों के बोनस का भुगतान कोल इंडिया द्वारा जारी सर्कुलर के आधार पर कर दिया गया है। बावजूद इसके कर्मचारी ठेका कंपनी से इंसेंटिव और सीएल की राशि मांग रहे हैं।
इधर ठेका मजदूरों के इस मांग को मानिकपुर प्रबंधन ने अनुचित करार दिया है। उसका कहना है कि ठेका कंपनी और प्रबंधन के बीच हुई शर्तों के अनुसार ठेका मजदूरों को सीएल देने का कानूनी प्रावधान नहीं है। बावजूद इसके कुछ लोग मजदूरों को हड़ताल के लिए प्रेरित कर रहे हैं जिससे कंपनी को आर्थिक नुकसान हो रहा है। यह स्थिति तब है जब सभी को एचपीसी दर पर मजदूरी का भुगतान कराया जा रहा है।
ठेका मजदूरों से कोयला खनन कराना कोल इंडिया की सहयोगी कंपनी एसईसीएल के लिए परेशानी का कारण बनता जा रहा है। मजदूर अलग-अलग मांगों को लेकर आए दिन हड़ताल कर रहे हैं, इससे कोयला उत्पादन प्रभावित हो रहा है। अब मानिकपुर में तीन दिन से कोयला खनन बंद है। एक दिन पहले मजदूरों ने कुसमुंडा के सतर्कता चौक पर धरना प्रदर्शन किया था। इससे लगभग पांच घंटे तक कोयला परिवहन प्रभावित हुआ था।