CG Snake Bite: कोरबा कटघोरा के सरकारी अस्पताल में डॉक्टर समय पर ड्यूटी नहीं पहुंच रहे हैं। हफ्ते भर में यहां डॉक्टरों की लापरवाही के एक से अधिक मामले सामने आए हैं।
CG Snake Bite: छत्तीसगढ़ के कोरबा कटघोरा के सरकारी अस्पताल में डॉक्टर समय पर ड्यूटी नहीं पहुंच रहे हैं। हफ्ते भर में यहां डॉक्टरों की लापरवाही के एक से अधिक मामले सामने आए हैं। नया मामला सर्पदंश की शिकार महिला के इलाज में लापरवाही से जुड़ा है। डॉक्टर के नदारद होने से महिला को अस्पताल में इलाज नहीं मिला। आनन-फानन में परिवार के सदस्य महिला को गोद में उठाकर अस्पताल के बाहर निकल गए। उसे हायर सेंटर में भर्ती किया गया है।
नगर पालिका परिषद कटघोरा के वार्ड क्रमांक-8 शास्त्री में रहने वाली सुनिता श्रीवास (30) को रविवार की रात विषैले सर्प ने काट लिया। आनन-फानन में परिवार के सदस्य महिला को लेकर कटघोरा के सरकारी अस्पताल पहुंचे। उस समय रात के करीब आठ बजे थे। ड्यूटी पर उपस्थित नर्स ने सुनिता श्रीवास को ड्रिप लगाकर इलाज शुरू किया। लेकिन अस्पताल में नाइट ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर उपस्थित नहीं थे। परिवार ने इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करने का कोशिश किया, तब इसका खुलासा हुआ। एक घंटे का समय गुजर गया। लेकिन महिला को इलाज नहीं मिला।
इस बीच इलाज में देरी होने के कारण सुनिता की स्थिति बिगड़ने लगी। परिजन नाराज हो गए। उन्होंने अस्पताल में करीब आधा घंटे तक हंगामा किया। क्षेत्र के विधायक को डॉक्टर के लापरवाही की जानकारी दी गई। जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसएन केसरी को अवगत कराया गया। सूचना मिलते ही सीएमएचओ केसरी जो कटघोरा में ही मौजूद थे, वे अस्पताल पहुंचे। लेकिन उनके अस्पताल पहुंचने से पहले ही परिवार के सदस्य सर्पदंश के शिकार महिला को गोद में उठाकर बाहर निकल गए। महिला को एंबुलेंस में बैठाकर हायर सेंटर के लिए निकल गए। महिला को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसे गहन चिकित्सा कक्ष में रखा गया है। स्थिति सामान्य बताई गई है।
जब अस्पताल में हंगामा हो रहा था, तब विकासखंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. रश्मि कंवर नहीं पहुंची। सीएमएचओ डॉ. एसएन केसरी के कटघोरा अस्पताल पहुंचने के बाद बीएमओ कंवर पहुंची। इससे नाराज लोगों ने डॉ. केसरी को खरीखोटी सुनाई।
ड्यूटी रात आठ बजे से शुरू होती है। हो सकता है डॉक्टर विलंब से आई हो, लेकिन नर्स ने एंटीस्नैक वेनम लगाकर इलाज शुरू किया था। मरीज के कहने पर ही उसे रेफर किया गया था।