कोटा शहर में वाहनों की प्रदूषण जांच के नाम पर बड़ा मजाक हो रहा है। जिन वाहनों की खुद की हालत खस्ता है, वे दूसरों की गाड़ियों को प्रदूषण नियंत्रण का प्रमाण पत्र बांट रहे हैं।
कोटा शहर में वाहनों की प्रदूषण जांच के नाम पर बड़ा मजाक हो रहा है। जिन वाहनों की खुद की हालत खस्ता है, वे दूसरों की गाड़ियों को प्रदूषण नियंत्रण का प्रमाण पत्र बांट रहे हैं। ऐसे वाहन न केवल नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं, बल्कि शहरवासियों की सुरक्षा को भी खतरे में डाल रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि इन वाहनों की फिटनेस, बीमा और टैक्स जैसी अनिवार्य प्रक्रियाएं महीनों से खत्म हो चुकी हैं, बावजूद इसके न तो आरटीओ, न ही ट्रैफिक विभाग की ओर से कोई कार्रवाई की जा रही है।
परिवहन विभाग व यातायात पुलिस दावा करती है कि वह प्रतिदिन बिना टैक्स, बीमा व फिटनेस के चलने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई करती है, लेकिन ये वैन जो कि हाइवे व शहर के मुख्य मार्ग पर नियमों की धज्जियां उड़ा रही हैं और दोनों विभागों का ध्यान इस तरफ नहीं है।
परिवहन विभाग की टीम वैन की जांच करती है। यदि उनका फिटनेस, बीमा खत्म हो गया है तो जांच करवाई जाएगी। इसकी जांच के लिए परिवहन निरीक्षक की टीम बनाई जाएगी।
सुरेन्द्र सिंह राजपुरोहित, जिला परिवहन अधिकारी, कोटा
आरजे 26 जीए 3605 नंबर की पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनाने वाली वैन का फिटनेस 2 मार्च 2024 और बीमा 10 फरवरी 2024 को खत्म हो चुका है। इसके बावजूद यह वैन बड़ तिराहे के पास खुलेआम खड़ी होकर रोजाना पॉल्यूशन सर्टिफिकेट जारी कर रही है। नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए यह वैन लगभग एक साल से इसी तरह काम कर रही है।
दूसरा मामला आरजे 20 जीए 4658 नंबर की वैन का है, जिसका फिटनेस 14 मार्च 2025 को खत्म हो चुका है। बीमा 7 मार्च 2023 और टैक्स 7 अप्रेल 2025 को समाप्त हो चुका है। इसके बाद भी यह वैन झालावाड़ रोड स्थित आईएल चौराहे के पास खड़ी रहकर दिनभर प्रदूषण प्रमाण पत्र बना रही है।