सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ियों में बच्चों का मेडिकल चेकअप करने गई राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य की टीम को एक बच्ची के दिल में छेद होने के लक्षण मिले।
सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ियों में बच्चों का मेडिकल चेकअप करने गई राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य की टीम को एक बच्ची के दिल में छेद होने के लक्षण मिले। इसकी जानकारी जब परिजनों को दी गई तो वह घबरा गए। परिजनों ने कहा कि वह गरीब है, ऑपरेशन तो दूर की बात है। इलाज कराना भी उनके बस की बात नहीं है। इसके बाद टीम ने परिजनों को समझाया कि ऑपरेशन सरकार कराएगी, फिर बच्ची स्वस्थ होकर अपना जीवन यापन करेगी। इसके बाद बच्ची का कल सफल ऑपरेशन किया गया।
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मामला कोटा के सुल्तानपुर स्थित बंबोरी गांव का है। जहां बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान दसवीं कक्षा की छात्रा नंदिनी रेगर के दिल में छेद की बीमारी के लक्षण पाए गए। डॉ श्वेता व्यास, फार्मासिस्ट सुनील शांडिल्य, फार्मासिस्ट दीपा कंवर राजावत ने परिजनों को जब इसकी बीमारी के बारे में बताया गया तो वह घबरा गए। परिजनों ने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। परिवार इस बीमारी का इलाज नहीं कर सकता। टीम के द्वारा समझाया गया कि यह राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत आता है जिसमें इस बीमारी का पूरा उपचार जांच ऑपरेशन निशुल्क सरकार के द्वारा किया जाएगा।
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आरबीएसके टीम ने नंदिनी के दिल में छेद की जानकारी जिला नोडल अधिकारी डॉक्टर रमेश कारगवाल व अन्य अधिकारियों को दी। इसके बाद नंदिनी रेगर को 30 मई के दिन सुल्तानपुर से न्यू मेडिकल कॉलेज कोटा अस्पताल में भर्ती करवाया।
मेडिकल कॉलेज में नंदिनी की सभी जांच हुई और डॉक्टर भंवर रनवा द्वारा दिल के छेद होने की बीमारी की पुष्टि की गई। डॉक्टर की टीम ने नंदिनी के दिल में छेद का सफल ऑपरेशन किया गया। अब नंदिनी बिल्कुल स्वस्थ है और डॉक्टरों की देखरेख में है।