Rajasthan News: कोटा में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट को लेकर केंद्र व राज्य सरकार और कोटा विकास प्राधिकरण के बीच एमओयू हो चुका है। इसमें जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी के नाम दर्ज करने की प्रक्रिया अंतिम दौर में चल रही है।
Rajasthan New Project: राजधानी जयपुर सहित राज्य के 6 बड़े शहरों की तस्वीर बदलेगी। कुछ महीने में कई प्रोजेक्ट शुरू होंगे, जिनसे न सिर्फ लोगों की राह सुगम होगी, बल्कि रोजगार के भी द्वार खुलेंगे। ज्यादातर प्रोजेक्ट 18 से 36 महीने के बीच पूरे होंगे। जयपुर में सड़क सुधार पर 2200 करोड़ से ज्यादा खर्च होंगे। अजमेर, जोधपुर, कोटा, अलवर और भरतपुर में 1000 करोड़ रुपए खर्च होंगे। जमीन आवंटन से लेकर सर्वे और डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने का काम कुछ प्रोजेक्ट के हो चुके हैं और कुछ के चल रहे हैं।
कोटा में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट को लेकर केंद्र व राज्य सरकार और कोटा विकास प्राधिकरण के बीच एमओयू हो चुका है। इसमें जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी के नाम दर्ज करने की प्रक्रिया अंतिम दौर में चल रही है। नए साल में शिलान्यास की तैयारी चल रही है। इसी तरह मथुराधीशजी मंदिर को चंबल रिवर फ्रंट से जोड़ने के लिए आस्था कॉरिडोर की डीपीआर बनाने का काम चल रहा है। इसके लिए कोटा समेत अन्य शहरों में 300 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
अजमेर में आयुर्वेद और योग यूनिवर्सिटी के लिए कायड़ में जमीन चिह्नित करने का काम चल रहा है। इसमें 100 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके अलावा जयपुर रोड पर पुराने टीबी हॉस्पिटल को अपग्रेड करने की कवायद चल रही है। इस प्रोजेक्ट पर भी 100 करोड़ रुपए खर्च होंगे। अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में पानी के तीन रिजर्वेयर बनाने पर 250 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके लिए जमीन तलाश की जा रही है। वहीं, अजमेर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में सडक़ों की मरम्मत पर 44 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जिनकी निविदा प्रक्रियाधीन है।
सिलीसेढ़ से शहर में पानी लाने के लिए 23 करोड़ खर्च किए जाएंगे। सिलीसेढ़ सरिस्का वन क्षेत्र में आता है। प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की एनओसी मिल गई है। अगले माह बोरिंग का काम शुरू हो जाएगा। यहां 20 बोरिंग की जाएंगी। यह प्रोजेक्ट मार्च 2025 तक पूरा हो जाएगा। साइंस सेंटर के लिए 8 करोड़ मंजूर हुए हैं। विज्ञान नगर में जमीन दे दी गई है। अब टेंडर की प्रक्रिया आचार संहिता हटने के बाद शुरू होगी। यह प्रोजेक्ट जून 2025 में पूरा होगा।
भरतपुर में कर्मजिला प्रोजेक्ट को धरातल पर लाने के लिए जिला प्रशासन ने जमीन चिह्नित करने और सर्वे की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रदेश में इस प्रोजेक्ट की शुरुआत भरतपुर जिले से की जा रही है। अगले दो वर्ष में यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा। इससे लोगों को एक से दूसरी जगह चक्कर नहीं लगाने पड़ेगे। एक ही परिसर में सभी काम हो जाएंगे। पिछले दिनों मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भरतपुर दौरे के दौरान इस प्रोजेक्ट को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए थे।
जोधपुर में पाल रोड-नहर चौराहा व कॉक्स कुटीर से वाया दल्ले खां चक्की होते हुए लूणी पंचायत समिति के आगे तक प्रस्तावित दो फ्लाईओवर पर 200 करोड़ रुपए खर्च होंगे। सर्वे होने के बाद टेंडर प्रक्रिया चल रही है। दो से तीन साल में दोनों फ्लाईओवर बनकर तैयार हो जाएंगे।
ज्यादातर प्रोजेक्ट के सर्वे चल रहे हैं। अगले साल जनवरी में कुछ प्रोजेक्ट शुरू हो जाएंगे। जयपुर में सर्वाधिक पैसा अम्बेडकर सर्कल से जवाहर सर्कल तक खर्च किया जाना है। यह प्रस्तावित एलिवेटेड रोड करीब नौ किलोमीटर की है। राजधानी के करीब 11 प्रोजेक्ट का ड्रॉइंग से सर्वे पूरा हो चुका है। अब फिजिबिलिटी और डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट का काम शुरू होगा।