नौ दिन चला उपचार, मौत से हार गया ठेकाकर्मी
रावतभाटा के भारी पानी संयंत्र में पिछले दिनों हुए हाइड्रोजन सल्फाइड (H2S) गैस रिसाव से पीडि़त ठेकाकर्मी भैंसरोडगढ़ निवासी धर्मेंद्र लुहार की कोटा के निजी अस्पताल में उपचार के दौरान रविवार देर रात 1 बजे मौत हो गई। सोमवार सुबह मौत की खबर मिलते ही ठेका कर्मचारियों और कस्बे में शोक की लहर दौड़ गई।
मुआवजे को लेकर दोपहर बाद गतिरोध समाप्त होने पर पोस्टमार्टम हुआ और शव परिजन के सुपुर्द किया। देर शाम भैंसरोडगढ़ नाव घाट पर गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। धर्मेंद्र 9 दिन तक मौत से जंग लडता रहा। अणुशक्ति श्रमिक संघ (भामस) अध्यक्ष जोतसिंह सोगरवाल ने मृतक की पत्नी को स्थायी नौकरी की मांग की।
मृतक के परिजन, स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासन की भारी पानी संयंत्र प्रबंधन के साथ सोमवार सुबह 11 बजे गेस्ट हाउस में हुई बैठक में मुआवजे पर सहमति बन गई। परिजनों को पांच लाख रुपए का चेक सौंपा गया। कुल 20 लाख रुपए दिए जाएंगे। 15 लाख रुपए अगले पंद्रह दिन में मिलेंगे।
इसके अलावा मृतक के बच्चों को सामाजिक सरोकार कार्यक्रम में केंद्रीय विद्यालय में निशुल्क शिक्षा, पीएफ, ईएसआइ भुगतान और राज्य सरकार की ओर से मिलने वाली सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी। मृतक के परिवार में चार महिलाएं हैं, उन्हें भारी पानी संयंत्र में अस्थायी रोजगार भी उपलब्ध कराया जाएगा।
बैठक में एडीएम विनोद कुमार मल्होत्रा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भगवत सिंह हिंगड़, एसडीएम, तहसीलदार, भारी पानी संयंत्र अधिकारी, पूर्व प्रधान राधेश्याम गुप्ता, किसान मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष कमलेन्द्र सिंह हाड़ा, कुशाल बारेशा, भाजपा मंडल अध्यक्ष राजेंद्र दशोरा, भाजपा नेता भुवनेश नागर सहित परिजन मौजूद रहे।