Patrika Raksha Kavach Abhiyan: साइबर ठगों ने ठगी की गई 50 लाख रुपए की राशि से बिहार के पटना में एक ज्वैलरी शोरूम से 40 लाख रुपए का सोना खरीदा और जिस खाते में ठगी का पैसा आया, उससे शोरूम मालिक को पेमेंट कर निकल गए।
Patrika Raksha Kavach: साइबर ठग नए-नए पैंतरों से ठगी कर रहे हैं। कोटा के एक नामी व्यापारी से मोबाइल सिम चालू करने को लेकर 50 लाख की ठगी की और इस रकम से ठगों ने पटना में 40 लाख की ज्वैलरी खरीद ली। ठगी की रकम जिस खाते में डलवाई थी, उससे ज्वैलर्स को भुगतान करने वाले थे, लेकिन कोटा के व्यापारी की रिपोर्ट पर साइबर पुलिस ने पेमेंट होल्ड करवा दिया। उधर, पटना में ज्वैलर्स ने भी इस संबंध में पुलिस को रिपोर्ट दी है। साइबर ठगी का यह मामला गत जून का है। पुलिस इस मामले में जांच कर रही है।
व्यापारी शैलेन्द्र गुप्ता ने पत्रिका को बताया कि साइबर ठगों ने उसकी मेल आईडी को हैक किया और फर्म के नाम से नई सिम जारी करवा ली। फिर मेरी मेल आईडी से फर्म को मेल कर सिम प्राप्त करने के लिए कंपनी के कर्मचारी से ओटीपी मांग लिए। इसके बाद से ही उनके खाते से पैसा ट्रांसफर होना शुरू हो गया। जिसकी जानकारी मिलने के बाद साइबर थाने में शिकायत दी।
साइबर ठगों ने ठगी की गई 50 लाख रुपए की राशि से बिहार के पटना में एक ज्वैलरी शोरूम से 40 लाख रुपए का सोना खरीदा और जिस खाते में ठगी का पैसा आया, उससे शोरूम मालिक को पेमेंट कर निकल गए। कोटा साइबर पुलिस को ठगी की शिकायत मिलने के बाद ठगी के रुपयों को होल्ड करवा दिया गया। ऐसे में ज्वैलरी मालिक का पैमेंट भी होल्ड हो गया। इस पर ज्वैलर्स ने भी पटना थाने में शिकायत दी है।
फरियादी की रिपोर्ट पर ठगी गई राशि को होल्ड करवा दिया था। दस रुपए खाते में आ गए हैं। शेष 40 लाख रुपए बैंक ने कोर्ट के आदेश के बाद भी रोक रखे हैं, वे भी जल्द मिल जाएंगे। ठगों ने पटना में 40 लाख की ज्वैलरी खरीद ली। ठगों की पहचान कर ली गई है। जल्द ही ठग पुलिस की गिरफ्त में होंगे।
सतीशचंद, सीआई, साइबर थाना
व्यापारी शैलेन्द्र गुप्ता ने बताया कि उनकी फर्म का अकाउंट एचडीएफसी बैंक में है। इस बैंक खाते से जो मोबाइल नंबर जुड़ा हुआ है। वह मैनेजर अनिल गुप्ता के पास है। 11 जून 2024 को बड़ा भुगतान करने के लिए कंपनी के कर्मचारी हरीश पालीवाल ने बैंक खाते को चैक किया तो 50 लाख रुपए संदिग्ध ट्रांसफर होना पाया, जो कंपनी द्वारा नहीं किए गए। बैंक जाकर संदिग्ध ट्रांजेक्शन की जानकारी ली तो बैंक ने बताया कि रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के माध्यम से ही ट्रांसफर किया गया। ठगों के द्वारा पहले 10 लाख, फिर 10-10 लाख के दो ट्रांजेक्शन किए। लास्ट ट्रांजेक्शन 20 लाख रुपए का किया गया। ठगों ने कुल 50 लाख रुपए की ठगी की।