लखीमपुर खेरी

ऑपरेशन टाइगर: अफसरों को चकमा देकर फरार हुआ ‘नरभक्षी’, अब दिल्ली की टीम ने संभाली कमान

लखीमपुर खीरी के महेशपुर वन रेंज में लोगों की जान के पीछे पड़ा 'नरभक्षी' बाघ वन विभाग को चकमा देकर फरार हो गया है। गांव के लोगों में दहशत बनी हुई है।

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ऑपरेशन टाइगर: वन विभाग की प्लानिंग को धता बताते हुए बाघ एक बार फिर भाग निकला है। वन विभाग की बाघ को पकड़ने के लिए सारी तैयारियों को चकमा देकर वह फिर से फरार हो गया।

दो दिन पहले बाघ ने ली थी युवक की जान 

दक्षिणी खीरी के महेशपुर वन रेंज में बाघ का खौफ बना हुआ है। बाघ के न पकड़े जाने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। वन विभाग का दावा है कि बाघ अभी भी वहीं मौजूद है जहां दो दिन पहले उसने एक युवक को मारा था। बताया जा रहा है कि अभी तक बाघ ने दो लोगों को मार डाला है।

ऑपरेशन टाइगर चालू

पूरे इलाके में ऑपरेशन टाइगर लगातार चालू है। विभाग लगातार पता करने की कोशिश में है कि बाघ आसपास ही है या दूर चला गया है। विभाग को उम्मीद है कि बाघ आस पास ही है और उसे आसानी से घेरा जा सकता है। वहीं दूसरी ओर भीखमपुर आंवला जंगल से सटे कस्ता भीखमपुर रोड पर बाघ के देखे जाने की बात की जा रही है। बताया जा रहा है कि शुक्रवार की सुबह 5 बजे राहगीरों ने दो बाघों को देखा।

दिल्ली से आए एक्सपर्ट

पीलीभीत टाइगर रिजर्व, कानपुर प्राणि उद्यान के बाद दिल्ली से एक्सपर्ट बुलाए गए हैं। डीएफओ ने डब्ल्यूडब्लयूएफ दिल्ली को लेटर लिखकर दक्षिण खीरी में एक्सपर्ट भेजने की मांग की गई है। दुधवा की टीम भी बाघ को पकड़ने के मिशन में लग गई है। बाघ को पकड़ने के लिए ट्रैंकुलाइज करने को पीलीभीत से एक्सपर्ट दक्ष गंगवार भी आए लेकिन उसे पकड़ा न जा सका। इसके बाद कानपुर प्राणि उद्यान से एक्सपर्ट डॉ. नीतेश कटियार और गोरखपुर से एक्सपर्ट डॉ. दया को बुलाया गया। अब डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के परियोजना निदेशक दबीर हसन ने कमान संभाली है। इसके साथ ही दिल्ली से एक्सपर्ट को मार्गदर्शन के लिए बुलाया गया है।

Published on:
14 Sept 2024 04:06 pm
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