टेक्नोलॉजी

Airtel के बाद Jio और SpaceX की डील, जानिए स्टारलिंक की कीमत और इसके फायदे से जुड़ी जरूरी बातें

Reliance Jio ने SpaceX के साथ साझेदारी कर भारत में Starlink सैटेलाइट इंटरनेट लाने की घोषणा की है। जानिए कीमत, लॉन्चिंग से जुड़ि डिटेल और इसके फायदे-नुकसान!

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Mar 12, 2025

Jio Starlink Partnership: बुधवार को जियो प्लेटफॉर्म्स ने एलन मस्क के स्वामित्व वाली स्पेसएक्स के साथ साझेदारी की घोषणा की, जिसके तहत भारत में लो-अरबिट सैटेलाइट आधारित स्टारलिंक हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाएं लाई जाएंगी। यह घोषणा एयरटेल की स्पेसएक्स के साथ साझेदारी के एक दिन बाद की गई।

जियो के सीईओ का बयान

रिलायंस जियो के ग्रुप सीईओ मैथ्यू ओम्मेन ने कहा, "स्पेसएक्स के साथ हमारी साझेदारी भारत में स्टारलिंक लाने की हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करती है और यह निर्बाध ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है। स्टारलिंक को जियो के ब्रॉडबैंड इकोसिस्टम में शामिल करके, हम अपनी पहुंच बढ़ा रहे हैं और इस एआई युग में हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड की विश्वसनीयता और उपलब्धता को सुधार रहे हैं।"

भारत में लॉन्चिंग और संभावित कीमत

फिलहाल, स्टारलिंक की भारत में लॉन्चिंग और कीमत को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। अमेरिका में इसकी सेवा $80 प्रति माह (लगभग 7,000 रुपये) में उपलब्ध है। ऐसे में, भारत में भी इसकी कीमत ज्यादा होने की संभावना है, खासकर जब जियोफाइबर और जियो एयरफाइबर की कीमतें 1,000 रुपये से कम में शुरू होती हैं।

स्टारलिंक डिवाइस और बिक्री

इस साझेदारी के तहत, जियो को भारत में स्टारलिंक उपकरण बेचने की अनुमति मिली है। ये उपकरण उपग्रहों से सीधे कनेक्ट होकर दूरदराज के क्षेत्रों में भी हाई-स्पीड इंटरनेट देने में सक्षम होंगे। जियो ने पुष्टि की है कि स्टारलिंक समाधान उसके रिटेल नेटवर्क के माध्यम से देशभर में उपलब्ध होंगे और जियो सर्विस इंस्टॉलेशन व एक्टिवेशन में सहायता करेगा।

स्टारलिंक कैसे काम करेगा?

स्टारलिंक का यूज करने के लिए एक डिश की जरूरत होगी, जो एक फेज्ड-अरे सैटेलाइट डिश होती है और ऑटोमेटिक रूप से बेहतर कनेक्टिविटी के लिए अपने आप संरेखित हो जाती है। इसके साथ एक स्टारलिंक राउटर आता है, जो वाई-फाई एक्सेस देता है। इस पूरे किट की कीमत $350 (लगभग 30,000 रुपये) होगी। सेटअप के लिए एक पावर सप्लाई यूनिट की जरूरत होगी, जो डिश और राउटर दोनों को पावर देगा, साथ ही आवश्यक कनेक्टिविटी केबल भी दिए जाएंगे।

स्टारलिंक की चुनौतियां

स्टारलिंक की सेटअप लागत पारंपरिक ब्रॉडबैंड से अधिक है। साथ ही, भारी बारिश, बर्फबारी या तूफान में सिग्नल कमजोर हो सकता है। डिश को उपग्रहों के साथ स्पष्ट लाइन ऑफ साइट बनाए रखनी होगी। इसके अलावा, यह सेवा ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है, लेकिन शहरी इलाकों में इसकी जरूरत और किफायती विकल्पों की तुलना में यह कितना प्रभावी होगा, यह देखना बाकी है।

दूरस्थ क्षेत्रों के लिए गेम-चेंजर

इन चुनौतियों के बावजूद, स्टारलिंक उन दूरस्थ क्षेत्रों के लिए उपयोगी साबित होगा, जहां मोबाइल टॉवर या वायर्ड ब्रॉडबैंड उपलब्ध नहीं हैं। यह विशेष रूप से पहाड़ी और ग्रामीण इलाकों के लिए फायदेमंद होगा, जहां कनेक्टिविटी की समस्याएं आम हैं।

Published on:
12 Mar 2025 04:11 pm
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