Dry Lips: बारिश के मौसम में होंठों की देखभाल करना उतना ही जरूरी है जितना चेहरे और शरीर की। थोड़ी सी सावधानी और नियमित देखभाल से आप अपने होंठों को मुलायम, गुलाबी और स्वस्थ बनाए रख सकते हैं। घरेलू ट्रिक्स बताई गई हैं जो आपके होंठों को मानसून में भी हेल्दी रखेंगी।
Dry Lips In Monsoon: बरसात का मौसम जहां मन को सुकून देता है, वहीं त्वचा और होंठों के लिए कई तरह की परेशानियां भी लेकर आता है। हवा में बढ़ी नमी और बार-बार मौसम का बदलता मिजाज होंठों की नमी को धीरे-धीरे छीनने लगता है, जिससे वे सूखने, फटने और काले पड़ने लगते हैं। बारिश में प्यास कम लगने के कारण हम पानी भी कम पीते हैं, जिससे शरीर में हाइड्रेशन की कमी हो जाती है और इसका सीधा असर होंठों पर दिखता है। बाजार में मिलने वाले लिप बाम या केमिकल युक्त प्रोडक्ट्स से सिर्फ थोड़ी देर की राहत मिलती है, लेकिन लंबे समय तक होंठों को मुलायम और गुलाबी बनाए रखने के लिए घरेलू उपाय अधिक सुरक्षित और कारगर साबित होते हैं। आइए जानते हैं ऐसे 5 आसान घरेलू उपाय जो बारिश के मौसम में आपके होंठों को सूखने से बचा सकते हैं।
देसी घी या नारियल का तेल होंठों के लिए नेचुरल मॉइस्चराइजर का काम करता है। रात को सोने से पहले हल्के हाथों से होंठों पर इनका मसाज करने से होंठों की नमी बरकरार रहती है और फटने की समस्या भी दूर होती है। नारियल तेल में एंटी-बैक्टीरियल गुण भी होते हैं जो होंठों को इंफेक्शन से बचाते हैं।
शहद एक नेचुरल ह्यूमेक्टेंट है जो होंठों में नमी को बनाए रखता है। 1 चम्मच शहद में कुछ बूंदें ग्लिसरीन मिलाकर होंठों पर लगाने से वे कोमल और मुलायम हो जाते हैं। यह पैक रात को लगाने पर ज्यादा असरदार होता है।
एलोवेरा जेल स्किन को हाइड्रेट करने के साथ ही सूजन और जलन को भी कम करता है। बारिश के मौसम में जब होंठ फटने लगते हैं, तो फ्रेश एलोवेरा जेल लगाना बहुत फायदेमंद होता है। इसे दिन में 2-3 बार लगाया जा सकता है।
होंठों की मृत त्वचा को हटाने के लिए सप्ताह में 1-2 बार स्क्रब करना जरूरी है। 1 चम्मच चीनी में नींबू की कुछ बूंदें मिलाकर हल्के हाथों से होंठों पर रगड़ें। इससे डेड स्किन हटेगी और होंठ फिर से मुलायम दिखेंगे। नींबू होंठों का कालापन भी दूर करता है।
बरसात के मौसम में प्यास कम महसूस होती है, फिर भी शरीर को पर्याप्त हाइड्रेशन देना बहुत जरूरी होता है। रोजाना कम से कम 7-8 गिलास पानी पीने से होंठों की सूखापन दूर होता है और वे स्वस्थ और नर्म बने रहते हैं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।